जानेमाने कथाकार स्वयं प्रकाश जिनकी जनवादी कहानियां हमेशा पाठकों को आकर्षित करती रही है.सूरज कब निकलेगा, आदमी जात का आदमी, पार्टीशन, ज्योतिरथ के सारथी के साथ हमसफरनामा समेत कई चर्चित कृतियों के रचयिता, देशभर की घुमक्कड़ी और चित्तौड़ में लम्बे प्रवास के बाद हाल 'वसुधा' का सम्पादन करते हुए भोपाल में बसे हुए हैं.उनका ईमेल पता |
ये कहानी चित्तौड़गढ़ में उन्ही पर केन्द्रित कर हुए राष्ट्रीय सेमीनार में उन्होंने पढ़ी।इसे यहाँ अपनी माटी की ऑडियो प्रोजेक्ट योजना के तहत प्रस्तुत किया जा रहा है।
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