सन् 2012 का
देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान युवा आलोचक प्रियम अंकित को 2011 में प्रकाशित उनकी
आलोचना पुस्तक ‘पूर्वाग्रहों के विरूद्ध’ के लिए प्रसिद्ध आलोचक देवीशंकर अवस्थी के जन्म दिवस 5 अप्रेल 2013 को
आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा।
'देवीशंकर
अवस्थी स्मृति सम्मान' समकालीन हिंदी आलोचना के क्षेत्र
में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए सन् 1995 से प्रति वर्ष (1999 को छोड़कर) दिया
जाता है। अब तक यह सम्मान मदन सोनी, पुरूषोत्तम
अग्रवाल, विजय कुमार, सुरेश
शर्मा, शम्भुनाथ, वीरेन्द्र
यादव, अजय तिवारी, पंकज
चतुर्वेदी, अरविन्द त्रिपाठी, कृष्णमोहन, अनिल त्रिपाठी, ज्योतिष जोशी ('उपन्यास की समकालीनता'), प्रणयकृष्ण ('उत्तर
औपनिवेशिकता के स्त्रोत'), प्रमिला
के.पी. ('कविता का स्त्रीपक्ष'),
संजीव कुमार ('जैनेंद्र और अज्ञेय') और जितेन्द्र श्रीवास्तव ('आलोचना का मानूष-मर्म') को मिल चुका है।
देवीशंकर अवस्थी
स्मृति सम्मान समिति की नियामिका और संयोजिका डॉ. कमलेश अवस्थी ने पुरस्कार की
घोषणा करते हुए बताया कि 2012 के पुरस्कार के लिए प्रियम अंकित का चयन इण्डिया
इण्टरनेशन सेण्टर (एनेक्सी) में 25 फरवरी 2013 को हुई एक बैठक में पाँच सदस्यों की
निर्णायक मण्डली द्वारा सहमति से किया गया। देवीशंकर अवस्थी
स्मृति सम्मान के लिए गठित पाँच सदस्यीय पुरस्कार समिति में राजेन्द्र यादव, अजित
कुमार, अशोक वाजपेयी, नित्यानन्द
तिवारी, अर्चना वर्मा शामिल थे जिसमें देवीशंकर अवस्थी
स्मृति सम्मान समिति की नियामिका और संयोजिका डॉ. कमलेश अवस्थी भी उपस्थित थी।
कानपुर में जन्मे और
इलाहाबाद में पढे युवा आलोचक प्रियम अंकित वर्तमान में आगरा कॉलेज, आगरा
में अंग्रेजी के शिक्षक है। ‘पूर्वाग्रहों के विरूद्ध’ मूलतः उनके कविता और कहानी पर लिखे गम्भीर आलोचनात्मक लेखों का संग्रह है
जो आलोचना की समकालीनता की दृष्टि से खासी महत्त्वपूर्ण है।
प्रसिद्ध आलोचक
देवीशंकर अवस्थी के जन्म दिवस 5 अप्रेल 2013 को शाम 5 बजे साहित्य अकादमी के
सभागार (रवीन्द्र भवन) में आयोजित समारोह में युवा आलोचक प्रियम अंकित को 17वाँ
देवीशंकर अवस्थी सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर ‘आलोचना के नये पूर्वाग्रह’ विषयक विचार-गोष्ठी
का भी आयोजन किया गया है जिसमें अभय कुमार दुबे, बजरंग बिहारी
तिवारी और वैभव सिंह के व्याख्यान होंगे और पुरस्कृत आलोचक प्रियम अंकित अपनी बात
रखेंगे तथा कार्यक्रम का संचालन संजीव कुमार करेंगे।
जानकारी:
पुखराज जाँगिड़
युवा आलोचक हैं।
राष्ट्रीय मासिक ‘संवेद’ और
‘सबलोग’ के सहायक संपादक,
ई-पत्रिका ‘अपनीमाटी’
व ‘मूक आवाज’ के
संपादकीय सहयोगी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से
‘लोकप्रिय साहित्य की अवधारणा और
वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास’
पर एम.फिल. के बाद
फिलहाल
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
के भारतीय भाषा केन्द्र से
साहित्य और सिनेमा के
अंतर्संबंधों पर पीएच.डी. कर रहे है।
संपर्क:
204-E,
ब्रह्मपुत्र छात्रावास,
पूर्वांचल,
जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय,
नई दिल्ली-67
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शुभकामनाओं के साथ।