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SPIC MACAY Heritage Train in Chittaudgarh:-विरासत को सलाम



  • एक हजार विद्यार्थियों ने अपनी विरासत को पहली बार देखा
  • प्रस्तुति - नटवर त्रिपाठी

चित्तौड़गढ़ 6 अक्तूबर।

गुजरात और राजस्थान की विरासत का दौरा करते हुए स्पिक मैके के लगभग 1050 छात्र-छात्राओं ने आज चित्तौड़ दुर्ग दर्शन किया और हर्ष विभोर हो गए। तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडीशा, हरियाणा, पंजाब, उत्तरांचल तथा बिहार के इस दल में दो तिहाई छात्राएं थी और छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्यार्थियों के अतिरिक्त अंग्रेजी और हिन्दी तथा सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का बड़ा अध्ययन दल था।

स्पिक मैके की ओर से स्थापित संगीतज्ञ, गायक, वादक, नृतक और शिल्पी उनके विद्यालयों तक जाने को प्रयास करते हैं। परन्तु यह प्रयास विद्यार्थियों को विरासत के दर्शन कराने, कला और शिल्प के प्रति अनुराग उत्पन्न करने तथा उन स्थलों तक जहां-जहां इनकी झंकार झंकृत है दर्शन के लिए आठ से अधिक राज्यों के ऐसे पांच दल निकल पड़े हैं उनमें से एक दल आज प्रातः श्रीनाथजी के दर्शन के उपरान्त चित्तौड़ अपने अन्तिम पड़ाव पर पहुंचा दलनायक हर्ष नारायण के साथ पहुंचा।

जिला कलेक्टर रवि जैन ने इस वृहद् दल का स्वागत करते हुए मेवाड के इतिहास की पृष्ठभूमि में चित्तौड़ को भक्ति, शक्ति और बलिदान की त्रिवेणी बताते हुए यहां सम्पपन्न हुए तीन जौहर, कुम्भा के वीरत्व एवं संगीत तथा शिल्पप्रेम की रोचक दास्तां सुनाते हुए मेवाड़ के अभूतपूर्व योगदान को विद्यार्थियों के मध्य रेखांकित किया। दुर्ग के अनुभवी गाईड शान्तिलाल शर्मा ने यहां के इतिहास और विरासत के विषय में विस्तार से बताया।

दुर्ग के झरे-झरे को प्रणाम करते और अपने माथे पर बलिदानी मिट्टी को लगाते अनेक छात्रों ने दोनों राज्यों के अपने दौरे के अनुभव बताये और कहा कि चित्तौड़ की इस बलिदानी धरती का वे दर्शन कर धन्य हो गए हैं और अपने-अपने घरों में जाकर इसके इतिहास के सुनहरों पन्नों को अब ध्यान से पलटेंगे। मीरा मन्दिर में जाकर अनेक विद्यार्थी मीरा के पद गाने लगे तो कुभ श्याम के मन्दिर के शिल्प को और भव्यता को निहार कर वे गद्गद् दीखे। कीर्तिस्तम्भ (विजयस्तम्भ) की विशालता, अप्रतिमता और शिल्प सौन्दर्य को अपने सामने देख कर वे इस विरासत के प्रति नत्मस्तक थे।

स्पिक मैके के अध्यक्ष ए.एल. जैन, प्रतिनिधि जे पी भटनागर ने दलनायकों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया। संस्था के सक्रिय प्रतिनिधि माणिक ने विरासत को देखने आये विद्यार्थियों को दर्शनीय स्थलों का ब्यौरा दिया। पुरातत्व विभाग और जिंकस्मेल्टर के कर्मियों ने इस दल के लिए विशेष सेवाएं दी। चित्तौड़ चेप्टर के सदस्य सत्यनारायण जोशी ने परंपरागत फड़ चित्रकारी के नमूने अतिथि सदस्यों को भेंट किए।


नटवर त्रिपाठी
सी-79,प्रताप नगर,
चित्तौड़गढ़ 
म़ो: 09460364940
ई-मेल:-natwar.tripathi@gmail.com 
नटवर त्रिपाठी

(समाज,मीडिया और राष्ट्र के हालातों पर विशिष्ट समझ और राय रखते हैं। मूल रूप से चित्तौड़,राजस्थान के वासी हैं। राजस्थान सरकार में जीवनभर सूचना और जनसंपर्क विभाग में विभिन्न पदों पर सेवा की और आखिर में 1997 में उप-निदेशक पद से सेवानिवृति। वर्तमान में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं।

कुछ सालों से फीचर लेखन में व्यस्त। वेस्ट ज़ोन कल्चरल सेंटर,उदयपुर से 'मोर', 'थेवा कला', 'अग्नि नृत्य' आदि सांस्कृतिक अध्ययनों पर लघु शोधपरक डोक्युमेंटेशन छप चुके हैं। पूरा परिचय 

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