उदयपुर
पद्म विभूषण प्रो. जगत मेहता ने मातृभाषा की सेवा का संकल्प लेने का आव्हान किया। राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी बीकानेर के अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी मातृभाषा एवं मातृभूमि को याद रखेगा तभी उसकी संस्कृति बचेगी। मातृभाषा के बिना मातृ-संस्कृति की कल्पना नही की जा सकती। उन्होंने कहा कि कोई भी रचना सामाजिक सरोकारों से जुड़ी होगी वही कालजयी हो सकेगी। इसलिये सृजन में सामाजिक सरोकारों को चिन्तन मध्य रखेगा वो अपने युग में नेतृत्वकारी होगा।
उद्घाटन सत्र में बीज भाषण देते हुए डा. राजेन्द्र बारहठ ने कहा कि राजस्थानी भाषा आंठवी अनूसूची में जुड़ने से देश के अन्य प्रान्तों के युवाओं के समान राजस्थानी युवाओं को आई.ए.एस. परीक्षा में राजस्थानी माध्यम एवं 600 अंको का ऐच्छिक पेपर मिल सकेगा। साक्षात्कार में भी भाषा की सुविधा एवं रेल्वे परीक्षा, आर.ए.एस , टेट परीक्षा में राजस्थानी प्रश्न-पत्र मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की संस्कृति नीति, राजस्थानी फिल्म डवलपमेन्ट को-ऑपरेशन का बनाना आवश्यक है। राज्य में अभिलेखिय एवं प्राच्य विद्या की अपार सामग्री है। इसलिये देश में प्राच्य विद्या विश्वविद्यालय राजस्थान में बन सकता है। राजस्थान सरकार में भाषा विभाग एवं राजस्थान ग्रन्थ अकादमी राजस्थानी को आवश्यक ग्रन्थ तैयार कर छपवाये। उन्होंने कहा कि अनिवार्य शिक्षा कानून को लागू करने की दिशा में पहला कदन एस.आई.ई.आर.टी. द्वारा तैयार पुस्तक का शीर्षक ‘हमारा राजस्थान’ का नाम ‘आपणों राजस्थान’ एवं माध्यम राजस्थानी किया जा सकता है। इसी तरह कक्षा 1 से 12 तक एक पुस्तक राजस्थानी की हो सकती है।
द्वितिय सत्र के खास मेहमान उदपुर रेंज के आई.जी. टी.सी. डामोर ने कहा कि मातृभाषा में साहित्य का सृजन साहित्यकार एवं समाज का सौभाग्य होता है। डामोर ने कहा कि साहित्यकारों का सम्मान कर समाज अपने आप को गौरान्वित महसूस करता है। मुख्य अतिथी मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्याालय के कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता अवश्य मिलेगी। सुखाड़िया वि.वि. शिक्षा एवं साहित्य के क्षैत्र मे काम कर रहे लोगो का सम्मान करेगा। प्रो. त्रिवेदी ने आगे कहा कि राजस्थानी भाषा साहित्य की सेवा करने वालों का सम्मान की श्रंखला शुरू करेगा।
सम्मान सत्र में हरीश व्यास प्रतापगढ़ की पुस्तक ‘‘कांठळ री कोर सूं’’ एवं डा. चन्दनबाला मारू की पुस्तक ‘‘वीर हमीर देव चौहान’’ का लोकार्पण किया गया।धन्यवाद गांधी मानव कल्याण सोसायटी के संचालक मदन नागदा ने ज्ञापित किया। संचालन ट्रस्ट सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने किया।
नन्दकिशोर शर्मा
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