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सलूम्बर में बच्चों की 5 दिवसीय लेखन कार्यशाला का उद्घाटन




सलूम्बर, सर्वशिक्षा अभियान एवं साहित्यिक संस्था सलिला द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जनजाति बालिकाओं की लेखन कार्यशाला का उद्घाटन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोधनिवास में प्रातः 11 बजे प्रारंभ हुआ।जिसमें स्थानीय विद्यालयों की 100 बालिकाओं ने भागीदारी की। भाग लेने वालों में राजकीय उ. प्रा. विद्यालय जोधनिवास, रावलीपोल, पुरोहितवाड़ी, एवं राज.बा.उ.मा. विघालय की बालिकाएं इससे लाभाविंत होगी। कार्यशाला के मुख्य प्रभारी उदय किरौला, अलमोड़ा ने कार्यशाला की रूपरेखा बताई व बच्चों के से सामूहिक गीत ‘‘संवारे रूप भारत का....’’गाया।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एवं विषय के विशेषज्ञ डॉ गोपाल बुनकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक बालक अपने आप में कोई न कोई प्रतिभा लिए होता है। चूंकि उसे निखारने की जरूरत रहती है। उनकी बाल रचना ‘‘शाम को ट्यूशन, सुबह स्कूल, बहुत बीजी है मेरा शिड्यूल’’ बच्चें की वर्तमान परिस्थिति को रेखाकिंत करते हुए सुनाई। उन्होंने अपनी बाल्यावस्था की लेखन प्रक्रिया भी बताई। सभी बड़े रचनाकारों के योगदान को हुए उन्हें पढ़े जाने पर बल दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र हेड़ा, एस.एस.ए. अधिकारी, उदयपुर ने सलिला संस्था की इस प्रवृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम सराहनीय है। जो देश में अच्छे नागरिकों का निर्माण करते है। ये बालक ही है जो राष्ट्र के विकास को आगे ले जाएंगे। राज्य सरकार इस तरह की कई प्रवृतियों को चला रही है। उन्होंने एक प्रेरणादायक बालकथा सुनाई। 

सलिला संस्था की अध्यक्ष डॉ. विमला भंडारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पूरे कार्यक्रम का प्रारूप सामने रखा। उन्होंने कहा कि जनजाति बालिकाओं को पठन-पाठन-लेखन से जोड़ने, देश की मुख्य धारा से जोड़ने, राष्ट्र के नवनिर्माण में बालकों की भूमिका के सकारात्मक पहलुओं को लेकर अपनी संस्था के उद्देश्यों को बताया। 

इस कार्यक्रम में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार मीणा, जयप्रकाश आगाल, नंदलाल परसारामाणी, शिवनारायण आगाल, यशवन्त शर्मा, जगदीश भंडारी, पं. सुरेन्द्र जैन, मनोहर किंकोड़, मोहन लड़ौती, मधु माहेश्वरी, तुलसीराम शर्मा, श्यामलाल सोनी, मुकेश राव सहित कई मेहमान उपस्थित थे। संचालन नारायण टेलर ने किया। सरस्वती वंदना रामेश्वर उदास ने की। अतिथियों का स्वागत पूंजीलाल वरनोती ने किया। आभार चन्द्रप्रकाश मंत्री ने ज्ञापित किया।

कार्यशाला के प्रथम दिवस में उदय किरोला, शांतिलाल शर्मा, चन्द्रप्रकाश मंत्री सभी बालकों ने एक दूसरे का परिचय किया। बालकों की झिझक दूर करने के लिए सामूहिक नृत्य कराया गया। तोता कहे सो कर, चिड़िया फुर्र नामक, खेल खेल में शिक्षण दिया गया। उन्हें कविता लेखन के गुर सीखाये। तथा समूह में कविता तैयार कर फूल, मधुमक्खी, पानी, तितली, बच्चे आदि पर प्रस्तुती दी। करीन बानू, लक्ष्मी कुमावत, भाविका सुथार, प्रेमलता, सोनी गुजराती, तस्मीया बानू ने आज की प्रतियोगिताएं जीती। उन्हें को पुरस्कार दिए गए।






डॉ.विमला भंडारी
कहानीकार,इतिहासकार,बाल साहित्यकार होने के साथ ही जन प्रतिनिधि भी हैं.भंडारी सदनपैलेस रोडसलूम्बर-313027,Mo-9414759359,02906230695    

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