पत्रकारिता के मूल्यों के प्रति समर्पित थे लाला जगत ज्योति प्रसादः डॉ रामनिवास पांडेय
मुंगेर
सूचना एवं जनसंपर्क के मुंगेर प्रमंडल के उपनिदेशक तथा बिहार पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ राम निवास पांडेय ने कहा कि लाला जगत ज्योति प्रसाद मूल्यों के प्रति समर्पित पत्रकार थे। आजीवन मूल्यों के प्रति प्रतिवद्धता को कायम रखा। आज जब समाज संक्रमणकाल से गुजर रहा है वैसी स्थिति में युवा पत्रकारों को इनके जीवन सिद्धांतों से प्रेरणा लेना चाहिये। यह बात उन्होंने सूचना भवन में समकालीन साहित्य मंच मुंगेर द्वारा आयोजित चौदहवीं पुण्य तिथि के अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि उनका सरल व्यक्तित्व गांधीवादी आदर्शो से मेल खाता था। धोती कुर्ता उनका पहनावा था। सहजता हर किसी को आकर्षित करता था। उनकी भाषा शैली विलक्षण थी तथा अभिव्यंजना का वेहतरीन नमूना उनकी पत्रकारिता में थी। समारोह के मुख्य अतिथि न्यायाधीश रविशंकर सिन्हा ने लाला जगत ज्योति प्रसाद के भाषा शैली तथा पत्रकारिता के शिल्प पर चर्चा कीे तथा पत्रकारों का आह्वान किया कि वे आम लोगों की आवाज बनें।भाजपा के नेता प्रो अजफर शमसी ने इस बात पर चिंता का इजहार किया कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिये समन्वित नीति नहीं है और इसके प्रति समाचार पत्रों का रवैया भी साकारात्मक नहीं है।
जेआरएस कॉलेज के प्राचार्य प्रमोद भारती ने पत्रकारिता के विश्वसनीयता पर सवाल उटाया और कहा कि निष्पक्षता, सत्यता को आत्मसात करना चाहिये तथा अपमानजनक लेखनऔर साहित्यिक चोरी से बचना चाहिये। कार्यक्रम का संचालन अंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त गजलगो अनिरू़द्ध सिंहा ने किया। इस क्रम में उनके पत्रकारिता कर्म तथा उनके सम्मान ने हर वर्ष होनेवाले आयोजन का जिक्र किया। उन्होनें कहा कि अरिहार्य कारणों से इस बार लाला जगत ज्योति स्मृति सम्मान किसी को नहीं दिया जा सका, लेकिन यह सिलसिला जो आरंभ हुआ है वह बंद नहीं होगा। प्रगतिशील लेखक संध के प्रो शब्बीर हसन ने आज की पत्रकारिता पर सवाल उठाते हुए लाला जगत ज्योति प्रसाद के मूल्यों, जनवाद की चर्चा की। सुप्रसि़द्ध पत्रकार नरेशचंद्र राय के अभिन्न मित्रो में से थे लाला जगत ज्योति प्रसाद। उन्होंने उनके प्रति अपनी मूक श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर दैनिक जागरण के वरिष्ठ उपसंपादक एवं चर्चित फिल्म समीक्षक मधुसूदन आत्म्मीय ने कहा कि लाला जगत ज्योति प्रसाद अपने वसूलो के प्रति अडिग थे। चर्चित कवि एवं पत्रकार गुरूदयाल त्रिविक्रम ने उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की।
जामा मस्जिद के इमाम अब्दुला बोखारी ने कहा कि अपने पत्रकारिता जीवन में उन्होंने अनेक जोखिम उठाये और उसका चुनौतीपूर्वक मुकावला किया। इस अवसर पर उनके तैल चित्र पर अथितियों के अलावा पीटीआई के मुंगेर प्रमंडल के वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार अवधेश कुंवर, जनअधिकारों के संघर्ष के लिये प्रतिवद्ध अधिबक्ता प्रदीप अनुपम, समाजसेवी शिव कुमार रूंगटा तथा युवा पत्रकार अभिषेक कुमार सोनी के साथ -साथ पत्रकारिता, साहित्य, तथा समाजसेवा से जुड़ी कई हस्तियों ने माल्यापर्ण कर इस आयोजन के भागीदार बने। इस बार का यह संयोग है कि सूचना जन संपर्क के उपनिदेशक डॉ राम निवास पांडेय के कार्यकाल में अनेक ऐसे आयोजन हो रहे है जो जनसंपर्क को सार्थकता प्रदान करते है। चाहे वह सरकारी स्तर पर हो या गैर सरकारी स्तर हर कार्यक्रम में प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से उनकी भागीदारी रहती है। हर सरकारी आयोजनो में साहित्यिक कार्यक्रमों को जोड़ने तथा साहित्यकारों को सम्मानित करने की एक स्वस्थ परंपरा की शुरूआत की है।
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