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'अपनी माटी' वेबपत्रिका :हमारी नई सेवा Bio-Data-Dot-Com


पाठक साथियों
नमस्कार

आज के इस ब्लॉग के ज़रिये हम आपको बताना चाहते हैं की हम हमारी नई सेवा Bio-Data-Dot-Com पर देश-दुनिया के सभी सुघड़ सृजनकारों के जीवन परिचय छापेंगे.आप भी हमें अपने इलाके के श्रेष्ठ रचनाकारों के परिचय हमें इस पते पर भेज सकेंगे. साथ ही उनका एक फोटो भी भेजिएगा. ये साईट पाठक साथियों के लिए शायद कुछ काम आ सके.ये साईट मूल रूप से संगीत और नृत्य से जुड़े कलाविदों के लिए बनाई गयी थी मगर अब इसे हम साहित्य,मीडिया,रंगकर्म,ललित कलाओं के क्षेत्र में भी साझा करना चाहते हैं.इस बारे में अपनी मौलिक रचनाएं हमें भेजिगा.

हम सभी कोशिश कर रहे हैं कि पाठक वर्ग को कुछ नई और मौलिक पठन सामग्री दे सकें.उसी दिशा में बने हुए हैं.बाकी आप खुले तौर पर अपनी राय से हमें वाकिफ करवाते रहिएगा.एक निवेदन और कि आप भी अपनी मौलिक सामग्री कभी कभार पहली बार प्रकाशन हेतु 'अपनी माटी' वेबपत्रिका को ही मौक़ा दीजिएगा ताकि इसकी सार्थकता बनी रहें.जब भी समय मिले सामग्री देखते रहें.साहित्य के इलाके में हम कहाँ तक है इससे ज्यादा ये मायने रखता है कि हम कितना सही दिशा में हैं.

हमारे नए साथी डॉ. राजेन्द्र सिंघवी के शामिल होने के बाद हमने उनके नए आलेख यहाँ छापें हैं.हमने अपनी सारी खबरें केवल अपने न्यूज़ पोर्टल पर छापने का मन बनाया है,बाकी जो आलेखानुमा सामग्री (बाद में पढ़ने और संभालने योग्य )है उसे मुख्य वेबपत्रिका पर ही छापने का मन रखा है.हमने एक और काम किया है कि मैत्री विज्ञापन इन दोनों पत्रिकाओं के साथ ही अपनी तीसरी शाखा पर भी साईड बार में छापने का मन बनाया है ये तीसरी शाखा वो है जिसे हम बायो-डेटा-डोट-कोम नाम देना चाह रहे हैं.यहाँ हम देश-दुनिया के हर तरह के सृजनधर्मी साथियों के जीवन परिचय छापेंगे.इस तीसरी शाखा पर पहले स्पिक मैके की खबरें छपा करती थी.इस नए विचार पर अपनी राय दीजिएगा.बाकी अपनी माटी किस दिशा में जा रहा है इस पर भी अपनी बात कहें.

हमारी मैत्री विज्ञापन योजना हेतु इस माह ही हमें चार पत्रिकाओं के प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है. बधाई हो.हमारे विचार में प्रिंट माध्यम की इन पत्रिकाओं के ज़रिये और भी आगे के काल में हम नए पाठक वर्ग तक अपनी बात पहुँचा पाने में सफल होंगे.ये सभी अपने आगामी अंक में हमारा ये मैत्री विज्ञापन छापेंगे.हम भी उनका विज्ञापन लगभग एक-दो माह तक छापेंगे.उनके विज्ञापन के स्थाई लिंक यहाँ हमेशा देखे जा सकते है.जो अपने पुराने होने के क्रम में खुद ही नीचे जाते जाएंगे.अगर आप भे इसी लघु पत्रिका से जुड़े हुए हैं तो हमारी इस योजना हेतु सहभागी बन सकते हैं इसकी विस्तृत जानकारी यहाँ मिलेगी.

सहयोगी पत्रिकाओं के लिंक सहित लोगो निम्न हैं.



बाकी आनंद.

आदर सहित,

Comments

mahi gupta said…
बेटी की पुकार

माँ, मैं हू पराई इसमें मेरे क्यों गलती बताई
माँ मुझे मार दिया जायेगा तो, बेटी कौन कहलायेगा
व्यर्थ चिंता मत कर बेटे की,तेरी बेटी ही बेटा कहलाएगी
कोख में पल रही बेटी की पुकार,सच्ची कहलाएगी
अब बेटा नहीं , बेटी साथ निभाएगी
मत कर चिंता दहेज़ की, तेरी बेटी खूब कमाएगी
तेरी बेटी तुझे छोड़ कर ,कहाँ जाएगी
माँ कोख में पल रही बेटी की पुकार सुन
व्यर्थ चिंता मत कर बुढ़ापे की
तेरी बेटी तेरी ही कहलाएगी
वो भी बेटी थी,जो लक्ष्मीबाई कहलाई थी
दुनिया से लड़कर,अपने देश का नाम कमाई थी
वो भी बेटी थी जो ,अन्तरिक्ष कल्पना चावला कहलाई थी
अन्तरिक्ष में जाकर, संसार का नाम कमाई थी
मैं भी बेटी हूँ ,बेटे से बढकर नाम कमाऊँगी
फूल हूँ तेरे आँगन की ,तेरे आँगन में महकाऊगी
न मार कोख में मुझे,माँ कैसे कहलाएगी |

(गीता गाबा)