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भारतीय रंग महोत्सव (भारंगम) के शुभारंभ की घोषणा


नई दिल्ली

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा 14वें भारतीय रंग महोत्सव (भारंगम) के शुभारंभ की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष यह प्रतिष्ठित महोत्सव 8-22 जनवरी तक एनएसडी सहित राजधानी के विभिन्न सभागारों में आयोजित किया जाएगा। 15 दिनों तक चलने वाला यह नाट्य महोत्सव इस वर्ष गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर को समर्पित होगा। एशियाई रंगमंच का महाकुंभ माने जाने वाले इस महोत्सव में देसी-विदेशी कुल 26 भाषाओं के 96 नाटकों का मंचन किया जाएगा। इसमें 16 विदेशी नाटक भी शामिल हैं। कुल नाटकों में से 17 नाटक रविंद्रनाथ टैगोर की जबकि 6 नाटक शेक्सपियर की कृतियों पर आधारित होंगे। पोलैंड को इस वर्ष महोत्सव में फोकस कंट्री के तौर पर शामिल किया गया है।

एनएसडी की चेयरपर्सन अमाल अलाना के मुताबिक टैगोर के 150वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में भारंगम को गुरुदेव के दूरदर्शी नाटक लेखन और आधुनिक भारतीय थियेटर में उनके योगदान को समर्पित किया गया है। महोत्सव की शुरुआत आठ जनवरी को रतन थियम के नाटक ‘किंग ऑफ द डार्क चेंबर’ के साथ होगी। इसके अतिरिक्त उनके लघु कथाओं पर आाधारित एकल नाटक ‘स्त्री पत्र’ (सीमा विश्वास) और ‘पत्नी का पत्र’ (गीता गुहा) का मंचन शामिल हैं। इसके अलावा महोत्सव में टैगोर की ‘चंडालिका’ (उषा गांगुली ) और नृत्य नाटिका ‘अवनी’ (अनीता रत्नम) का मंचन प्रमुख है। चित्र प्रदर्शनी ‘वेयर द माइंड इज विदाउट फियर’ के तहत टैगोर के रचित उन नाटकों के दुर्लभ फोटोग्राफ को शामिल किया गया है, जिन्हें गुरुदेव ने स्वयं निर्देशित किया। 

अनुराधा कपूर ने बताया कि इस बार पोलैंड को फोकस कंट्री तौर पर शामिल किया गया है। महोत्सव के दौरान पोलैंड के तीन नाटकों का का मंचन होगा। पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका बतौर फोकस कंट्री शामिल हुआ था। उन्होंने बताया कि महोत्सव में 26 भाषाओं के नाटकों का मंचन होगा, जिसमें संथाली और तुलु भाषा को पहली बार शामिल किया गया। इस बार 16 देशों के 16 नाटकों का मंचन किया जाएगा, जिनमें पहली बार टर्की को शामिल किया गया है। अनुराधा कपूर ने बताया कि अभी तक भारंगम के तहत 11 सौ नाटकों का मंचन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस बार भारंगम के आयोजन पर साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। अनुराधा ने बताया कि नाटकों के अंग्रेजी में उपशीर्षक होंगे और अंतरराष्ट्रीय खंड में ब्रिटेन, इटली, तुर्की, पोलैंड और दक्षिण अफ्रीका सहित 16 देशों के नाटकों की भी प्रस्तुति होगी। इसके अलावा उत्सव में छह प्रदर्शनियां भी शामिल हैं। महोत्सव के दूसरे शहर के तौर पर अमृतसर को शामिल किया गया है, जहां मुख्य आयोजन के अलावा 11 भारतीय और सात अंतरराष्ट्रीय नाटकों का मंचन किया जाएगा।

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