अक्टूबर-दिसंबर २०११
शीघ्र प्रकाश्य
इस अंक में आप पढ़ सकते हैं
पाथेय में -
श्रीलाल शुक्ल के न होने का अर्थ
नामवर सिंह,राजेन्द्र यादव, अशोक वाजपेयी, नित्यानंद तिवारी, रवीन्द्र कालिया, कृष्ण बिहारी, गोपाल चतुर्वेदी- ज्ञान चतुर्वेदी, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, प्र्रेम जनमेजय, श्यामसुंदर घोष, वीरेंद्र यादव, अजय अनुरागी , अविनाश वाचस्पति आदि की श्रद्धांजलि एवं रवींद्र प्रभात द्वारा आयोजित श्रीलाल शुक्ल प्रसंग- सुशील सिद्धार्थ, वीरेंद्र यादव, अखिलेश, राकेश जी, आशुतोष शुक्ल, साधना शुक्ल और सेवक बाबू की
भावांजलि
तट की खोज में-
स्तंभ लेखनः दशा और दिशा पर
सुभाष राय एवं भवेश कुमार महतो
चिंतन में
सी भास्कर राव एवं
मितर सेन मीत के उपन्यास
त्रिकोणीय में:
सूर्यकांत नागर पर केंद्रित
सूर्यकांत नागर का आत्मकथ्य, रचनाएं
चरणसिंह अमी से बातचीत
सूर्यकांत नागर पर जवाहर चैधरी,प्रेम जनमेजय
बलराम एवं ब्रजेश कानूनगो के आलेख
व्यंग्य रचनाएं में
सहीराम द्रोणवीर कोहली, सुरेंद्र मंथन, अनुज खरे
बालस्वरूप राही,अदम गोंडवी, शिवनारायण, गिरीश पंकज,
डाॅ. श्याम निर्मम, रामबहादुर चैध्री ‘चंदन’,
हरि जोशी, अनंत श्रीमाली, लालित्य ललित, कुमर प्रेमिल,
के.पी. सक्सेना ‘दूसरे’, दीपक मशाल आदि।
आलोचना/समीक्षा में
रामदरश मिश्र के उपन्यास, हरीश कुमार सिंह
‘हिंदी चेतना’ के प्रेम जनमेजय विशेषांक पर चर्चा
सूचना स्त्रोत
Comments