उदयपुर
पानी व पर्यावरण प्रबन्धन में नीतिगत सुधार जरूरी मेहता उदयपुर। दक्षिण एशिया के नेपाल, भूटान, बांगलादेश श्रीलंका के युवाओं का चौदह सदस्यीय दल मंगलवार को उदयपुर पहुंचा। सेन्टर फोर साईन्स एण्ड एनवायरमेन्ट, नई दिल्ली के तत्वाधान में उदयपुर आया यह दल तीन दिन तक उदयपुर रहकर विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय मुद्दो पर जानकारी प्राप्त करेगा। दल बुधवार को सेवा मन्दिर द्वारा कोटड़ा में चलाए जा रहे कार्यक्रमों को देखेगा। इल में विभिन्न क्षैत्रों के विशेषज्ञ है। यह दल प्रकृति को नजदीक से जानने व देखने के लिए विद्याभवन के छोटा बेदला स्थित प्रकृति साधना केन्द्र में ठहरा है। मंगलवार को यह दल सिटी पैलेस पंहुचा ...... महाराणा ऑफ मेवाड़ चेरीटेबल फाउन्डेशन के सचिव भूपेन्द्र सिंह आहुवा ने दल को मेवाड़ के इतिहास, शासन व्यवस्था, युद्ध प्रणाली व संस्कृति से अवगत कराया।
डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वाधान में झील संरक्षण समिति, एम एम सी एफ में हुई कार्यशाला में इन प्रतिनिधियों ने जल प्रबन्धन, झील संरक्षण व पहाड़ संरक्षण पर जानकारी प्राप्त की। दल को ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने मेवाड़ में स्वैच्छिकता के मुद्दो से अवगत कराया। समिति के सह सचिव, पोलीटेक्किक प्राचार्य अन्यित्र मेहता ने मेवाड़ की जल प्रबन्धक व्यवस्था, वर्तमान प्रदूषण कारी स्थिति, पहाडों के कटाव, छोेटे तालाबों के संरक्षण पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए समग्र जल संसाधन प्रबन्धन (आई डब्लू आर एम) तथा समग्र झील बेसिन प्रबन्धन (आई एल बी एम) की अवधारणा से अवगत कराया। मेहता ने कहा कि जिस आई डब्लू आर एम तथा आई एल बी एम की अवधारणा पर पूरा विश्व काम कर रहा है, वह मूलतः मेवाड़ की देन है। पर्यावरणीय प्रबन्धन के लिए कतियय नीतिगत सुधार जरूरी है जिसके लिए समस्त दक्षिण एशियाई देशों में अनूकूल वातावरण निर्मित करने की जरूरत है। दल ने दोपहर पश्चात् भंवर सिंह राजावत, तेज शंकर पालीवाल, नितेश सिंह, चुन्नीलाल के नेतृत्व में उदयसागर का निरीक्षण किया।
नंद किशोर शर्मा
मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट सचिव
संपर्क सूत्र :-0294&3294658, 2410110 ,
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