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माथुर को आचार्य निरंजननाथ सम्‍मान, टिक्‍कू को प्रथम प्रकाशित कृति सम्‍मान

राजसमंद
गोविन्द जी माथुर 
हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि गोविंद माथुर, जयपुर को 13वां आचार्य निरंजननाथ सम्‍मान प्रदान किया जाएगा। माथुर को यह सम्‍मान उनकी काव्‍यकृति बची हुई हंसी के लिए दिया जाएगा। उनके साथ ही जयपुर की लेखिका नीलिमा टिक्‍कू को उनके कहानी संग्रह रिश्‍तों की बगिया पर प्रथम प्रकाशित कृति सम्‍मान घोषित किया गया है। सम्‍मान समिति के संयोजक कमर मेवाड़ी ने बताया कि कर्नल देशबंधु आचार्य की अध्‍यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। नवंबर, 2011 में उदयपुर में आयोजित समारोह में सम्‍मान स्‍वरूप गोविंद माथुर को रु.31,000.00 एवं नीलिमा टिक्‍कू को रु.11,000.00 की नकद राशि के साथ शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं स्‍मृति चिन्‍ह भेंट किए जाएंगे।

नीलिमा टिक्कू जी 
राजसमंद के विख्‍यात साहित्‍यकार, राजनेता एवं राजस्‍थान साहित्‍य अकादमी के पूर्व अध्‍यक्ष स्‍व. निरंजन नाथ आचार्य की स्‍मृति में आचार्य निरंजननाथ स्‍मृति सेवा संस्‍थान द्वारा साहित्यिक पत्रिका संबोधन के माध्‍यम से दिया जाता है। इस वर्ष निर्णायक मण्‍डल में उदयपुर से विख्‍यात साहित्‍यकार डॉ. राजेंद्र मोहन भटनागर, जयपुर से सुपरिचित कवि प्रेमचंद गांधी और लखनऊ से कवि-आलोचक-पत्रकार हरे प्रकाश उपाध्‍याय शामिल थे।

कमर मेवाड़ी, कांकरोली
फोन 09829161342

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