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सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना एक नवम्बर से


चित्तौड़गढ़  29 सितम्बर।
जिला प्रमुख सुशीला जीनगर ने कहा कि विभागीय अधिकारी राज्य सराकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में उचित प्रचार-प्रसार करें तथा ग्रामीणों को उन योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ मिले इसके लिए मुस्तैदी व तत्परता से कार्य को अंजाम दें। जिला प्रमुख गुरूवार दोपहर को जिला परिषद सभागार में आयोजित जिला परिषद चित्तौडगढ की साधारण सभा की बैठक को अध्यक्ष पद से सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिले में शुरू होने वाली सामाजिक,आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना में जनप्रतिनिधिगण अपना सहयोग प्रदान कर इस महत्वपूर्ण कार्य में भागीदार बनें। 

बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर रवि जैन ने कहा कि जिले में शीघ्र ही प्रारम्भ होने वाली सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना को पारदर्शी व तथ्यात्मक बनाने के लिए जनप्रतिनिधिगण तथा अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें। जिला कलक्टर ने कहा कि विभागीय अधिकारी विभिन्न पंचायतों द्वारा प्रस्तावित किए गए कार्यो की स्वीकृति समय पर जारी करें तथा विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय के साथ कार्य कर सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का अधिकाधिक लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाएं। 

जिला कलक्टर ने कहा कि जिन पंचायतों के प्रस्ताव अनुसूचित जनजाति क्षेत्राीय विकास विभाग के पास स्वीकृति के लिए पैण्डिग पडे हुए हैं उसके लिए भी वे राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों से वार्ता कर प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करवाएंगे। उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना एक महत्वपूर्ण कार्य है इसकी सही जानकारी प्राप्त कर जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्रों के ग्रामीणों को इनसे अवगत कराएं ताकि सही आंकडे एकत्रित हो सके तथा उनका उपयोग राज्य की विकास योजनाओं के निर्माण में किया जा सके। जिला कलक्टर ने कहा कि घोसुण्डा बांध से प्रभावित सभी पंचायतों के किसानों तथा हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारियों के साथ 5 अक्टूबर को आमने-सामने वार्ता कर समस्या का हल निकाला जाएगा। किसानों के हितों को किसी भी तरह प्रभावित नहीं होने  दिया जाएगा। 

बैठक में विधायक सुरेन्द्रसिंह जाडावत ने कहा कि जिन पंचायतों के क्षेत्रा में खनन् होता है उनसे प्राप्त 1 प्रतिशत रायल्टी राशि उसी पंचायत क्षेत्रा के विकास में व्यय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 में प्राप्त रायल्टी राशि का पूरे जिला परिषद क्षेत्रा में व्यय किया गया है जो उचित नहीं है जिस पंचायत क्षेत्रा से खनन होता है उस पंचायत क्षेत्रा का पर्यावरण प्रभावित होता है अतः सबसे ज्यादा राशि उसी पंचायत पर व्यय की जानी चाहिए। उप जिला प्रमुख मिट्ठूलाल जाट ने खनिज रायल्टी पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ही खनिज रायल्टी का व्यय किया जा रहा है। बैठक में मुख्य आयोजना अधिकारी भैरूलाल मैनारिया ने सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इसके लिए प्रगणक, सुपरवाईजर तथा मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति कर दी गई है। प्रमुख जनगणना अधिकारी जिला कलक्टर के निर्देशानुसार सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं तथा 1 नवम्बर से सर्वे कार्य प्रारम्भ होगा। जनगणना को पारदर्शी बनाने व सही सूचनाओं के संकलन के लिए प्रगणकों को नियुक्ति स्थान से भिन्न स्थान पर लगाया गया है तथा प्रगणक द्वारा संकलित की गई दैनिक सूचनाओं को उसी दिन फीड किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य के पश्चात् मसौदा सूचि का प्रकाशन किया जाएगा, यह प्रकाशन पंचायत स्तर, तहसील स्तर, उपखण्ड स्तर व जिला स्तर पर किया जाएगा। सर्वे कार्य में लोगों की आवास सम्बन्धी सूचना तथा छत में प्रयुक्त सामग्री सम्बन्धी सूचना सहित उनके स्टेट्स सम्बन्धी जानकारी जिसमें उनके द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण टी.वी.,फ्रीज, वाशिंग मशीन तथा आजीविका के स्रोतों की जानकारी भी प्राप्त की जाएगी।  तत्पश्चात् धर्म व जाति की जानकारी ली जाएगी जिसे प्रदान करना आवश्यक नहीं होगा। मसौदा सूची की हार्ड कापी का प्रकाशन पंचायत स्तर पर किया जाएगा। बैठक में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि चालू पखवाडे तक नरेगा के तहत 425 कार्य प्रगतिरत हैं जिन पर 9607 श्रमिक कार्यरत हैं, अगस्त द्वितीय पखवाडे तक सभी पंचायत समितियों के श्रमिकों को भुगतान किया जा चुका है। नरेगा योजनान्तर्गत चालू वर्ष में 1 लाख 2 हजार 856 परिवारों को नियोजित कर 31.43 लाख मानव दिवसों का सृजन किया गया है, 880 परिवारों द्वारा 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया गया है। 

उन्होंने बताया कि जिले में पंचायत समिति स्तर पर समस्त 11 भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। ग्राम पंचायत स्तरीय 288 केन्द्रों में से 209 पूर्ण हो चुके हैं बाकी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2010-11 तक के व्यय पेटे 160 करोड रूपए के उपयोगिता प्रमाण पत्रा बकाया हैं जिनमें से 131.11 करोड रूपए के उपयोगिता प्रमाण पत्रों का समायोजन किया जा चुका है। मुख्यमंत्राी ग्रामीण बीपीएल आवास योजना में कुल लक्ष्य 5 हजार 798 के विरूद्ध 6 हजार 744 प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं जिनमें से 5 हजार 505 व्यक्तियों को वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। बैठक में भैसरोडगढ व बेगूं के प्रधान, जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी मौजूद थे। 

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