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''सामाजिक मूल्यों में आई गिरावट का प्रभाव आम आदमी के आचरण में भी पड़ा है''-दीपेन्द्र सिंह शेखावत


जयपुर 28 सितम्बर । 
विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने हाल ही जयपुर में सम्पन्न पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को विधायिका से जुड़ी संस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बताया और कहा कि व्यवधान के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चलने के मुद्दे पर इस सम्मेलन में गहन मंथन हुआ।
शेखावत ने बुधवार को सीकर में बताया कि अधिवेशन के दौरान सदन का समय कितना कीमती होता है इस पर सबको सोचना पड़ेगा। उन्होंने  बताया कि लोकसभा स्पीकर श्रीमती मीराकुमार ने सम्मेलन में लोकसभा के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई जिसके वे भी सदस्य थे। इस समिति के सामने व्यवधान को लेकर कई दृष्टिकोण रखे गये। दरअसल सामाजिक मूल्यों में आई गिरावट का प्रभाव आम आदमी के आचरण में भी पड़ा है जिसके कारण सभी क्षेत्रा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि समिति के समक्ष काम नहीं तो भत्ते नहीं सदन व सदस्यों की गरिमा व आचरण तथा सदन की बैठकों की संख्या के सम्बन्ध में भी अनेक सुझाव आये। इनमें कई ऐसे सुझाव भी आये जिन्हें लागू करने के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी। इन सभी मुद्दों पर समिति द्वारा एक रिपोर्ट तैयार कर लोकसभा को प्रस्तुत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है कि विधानसभा कितने दिन चले। यह अवधि यदि संविधान के माध्यम से तय हो जाए तो सभी सदनों में इसकी बाध्यता लागू हो जाएगी।

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