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झीलों के प्रति आम नागरिक संवेदशील हो


उदयपुर, 19 सित.। 
विश्व प्रसिद्ध उदयपुर की झीलें स्वच्छ, निर्मल तथा खुबसूरती तभी बरकार रख सकती है जब झीलों के प्रति आम नागरिक संवेदशील हो। झीलों एवं झीलों को भरने वाले नालों में कचरा, पूजा सामग्री तथा प्लास्टीक आदि नही फैका जाय। उदयपुर की झीलों का पानी ‘‘ आबे झमझम’’ बना रहे उद्देश्य से आम नागरिक और पर्यटकों को रूबरू कराने के उद्देश्य से डाॅ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट, झील हितेषी नागरिक मंच, चांदपोल नागरिक समिति, पहल संस्थान, शिवसेवा समिति तथा उदयपुर अगेस्ट करप्शन ने फतह सागर की पाल पर अपील की। 

नन्दकिशोर शर्मा तथा ज्योत्सान झाला ने फतहसागर पाल पर पूर्ण रूपेण वाहन प्रवेश निषेध करने की जरूरत बतलाई। वाहनों की वजह से सांयकालीन भ्रमण असंम्भव बनता जा रहा है। शिमला माल रोड़ की तर्ज पर यह क्षैत्र वाहन निषेध हो हांजी सरदार मोहम्मद तथा लीलाधर कुमावत ने पाल के इर्द गिर्द बेतरतीब लगाये गये कचरा पात्र को व्यवस्थित करते हुये बम्बईया बाजार के सामने दो सफाई कर्मियों को लगाने की जरूरत बतालाई 
तेजशंकर पालीवाल तथा भंवरसिंह  राजावत ने पिछोला पर बनी चांदपोल पुलिया की रेलिंग ऊंची करने एवं उस पर जाली लगाने की जरूरत बतलाते हुये कचरा फैकने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही को जरूरी बताया। पालीवाल ने सिवरेज लाईन से पिछोला में हो रही गन्दगी तथा झारिया के रास्ते झीलों के पानी की निकासी पर तुरन्त कार्य करने की आवश्यकता बतलाई। प्रत्येक रविवार को स्वरूपसागर लिंक नहर से देवाली गेट तक के क्षैत्र को वाहन निषेध घोषित करने का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौपा जाने का भी तय किया। 

नीतेश सिंह,प्रशासक

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