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''दलित साहित्य विलास का साहित्य नहीं है''-प्रो. मोहनदास नैमिशराय



अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा आयोजित दलित लिट्रेचर फेस्टिवल-2019 (दिल्ली) के उद्घाटन सत्र में प्रसिद्ध दलित आलोचक,पत्रकार और आत्मकथा लेखक प्रो. मोहनदास नैमिशराय के वक्तव्य का यह सम्पादित रूप प्रस्तुत है। ई पत्रिका 'अपनी माटी' द्वारा किए गए इस https://youtu.be/GjBH_9RluFA डोज्युमेन्टेशन का सम्पादन कल्चरल एक्टिविस्ट माणिक ने किया है।इस पंद्रह मिनट के उद्बोधन में मोहनदास जी के विचारों को समझने में आसानी होगी।उचित लगे तो यह यूट्यूब टेलिकास्ट लिंक आगे बढ़ाएं। माणिक की गतिविधियों से जुड़ने का एकमात्र ठिकाना। https://www.facebook.com/CulturalActivistManik

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