'अपनी माटी' का 23वाँ अंक अनुक्रमणिका जारी on November 17, 2016 अनुक्रमणिका सम्पादकीय मनु से मनुष्यता तक वाया अम्बेडकर -जितेन्द्र यादव शैक्षिक सरोकार चिली की शिक्षा प्रणाली और छात्रों का आन्दोलन – गौरव सुशांत भारत की शिक्षा व्यवस्था और आदिवासी –गोपाल कुमार विद्यालयी जीवन में त्यौहार का समाजशास्त्रीय अध्ययन' भाग(एक) -सुनील बागवान नाटक की नयी पौध होता है तमाशा मेरे आगे(पहली कड़ी-जब ग़ालिब-ओ-मंटो की अर्ज़ी ठुकराई गयी) -धीरज कुमार साहित्यिक दस्तावेज़ विदेशों में लिखित हिन्दी साहित्य का इतिहास – डॉ. अभिषेक रौशन इक्कीसवीं सदी और हिन्दी साहित्य में नारी लेखन – सुस्मित सौरभ हिंदी में लघु पत्रिकाएँ:एक अध्ययन–निकिता जैन राजनीति से संवाद शिक्षक समाज का ड्राइविंग फोर्स (संवाहक बल होते हैं) – डॉ. अरूण कुमार (सांसद डॉ.अरूण कुमार से जितेन्द्र यादव और सौरभ कुमार की बातचीत) आधी दुनिया दिव्या:नारी मुक्ति की आकांक्षा का प्रतिरूप – डॉ.तनुजा रश्मि पंत के गद्य साहित्य में नारी चित्रण– डॉ.चन्द्रकान्त तिवारी बाजारवाद, मीडिया, नारी और सुधा अरोड़ा के आलेख -श्री.संगमेश नानन्नवर स्त्री-अस्मिता का उभार बनाम सामाजिक संघर्ष – प्रमोज कुमार यादव साक्षात्कार भाषा जो समाचारपत्रों की पहचान होती है:ओम थानवी (जनसत्ता से सेवानिवृत्त हुए संपादक ओम थानवी से रजनीश मिश्रा की बातचीत) अजमेर और अजमेरियत की खुश्बू में अतीत (साहित्यकार गोपाल माथुर से विमलेश शर्मा की बातचीत) आलोचकीय तस्लीमा नसरीन और लेखिका ग्लोरिया अंजल्दुआ–शिल्पी गुप्ता धूमिल का कवि-कर्म –अभिषेक प्रताप सिंह अदम की कविताओं का बदलता तेवर -भावना मासीवाल प्रेमचन्द की कहानियों में दलित:एक विवेचनात्मक विश्लेषण – डॉ.संजय बी असोदरिया विद्रूप स्थितियों का जीवंत दस्तावेज:रेणु के रिपोर्ताज –सितारे सिंह काव्य-लहरी अभिषेक अनिक्का की कविताएँ सरिता पन्थी की कविताएँ इकबाल की कविताएँ हरिओम की कविताएँ गौरव भाटी की कविताएँ रामनिवास बाँयला की कविताएँ सिने-जगत हिंदी सिनेमा एवं दलित अस्मिता –निशांत यादव सिनेमा, स्त्री, नैतिकता और बाजार के बीच मध्य वर्ग –सुशील यति फिल्म निर्देशन:तकनीक और कला -डॉ.विजय शिंदे संस्मरण मेरे यादव अंकल –मोहम्मद उमर सुबह होने तक –आचार्य बलवन्त आलेखमाला भारतीय पुनर्जागरण और राजनीति –तानाबाई पाटिल राजनीतिजनित साम्प्रदायिकता की पड़तालऔर ‘तमस’ –दीपक कुमार डॉ.शिवकुमार मिश्र की मार्क्सवादी आलोचनात्मक दृष्टिकोण –आनंद दास सामाजिक व्यवस्था का सच और कोर्ट मार्शल – अनिरूद्ध यादव धरोहर मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर 'साँची' -डॉ. मधुमती नामदेव पुस्तक समीक्षा दर्दजा:समानता, सुन्ना, सम्भोग और वैवाहिक दुष्कर्म –दिनेश पाल भूमंडलीकरण के दौर में ‘गायब होता देश’ –भानुप्रताप प्रजापति हस्तक्षेप कहाँ तो चिरागाँ तय था हरेक शहर केलिए -राजू मूर्मू सॉफ्ट पोर्न बनता हुआ भोजपुरी गीत -बृजेश यादव शोध नुक्कड़ नाटक और शिवराम –शिवकुमार वर्मा नारी शोषण तथा नारी उद्धार का स्वर(नरेन्द्र कोहली कृत 'दीक्षा' के विशेष सन्दर्भ में) –सरोज बैरड़ चित्रांकन प्रतिभाशाली चित्रकार दीपिका माली,उदयपुर सम्पादक मंडल Donate for Apni Maati Comments
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