प्रेस विज्ञप्ति
रेतीले धोरों के संगीत ने मोह लिया
विरासत श्रृंखला का समापन
विरासत श्रृंखला का समापन
चित्तौड़गढ़ 9 अक्टूबर 2015
स्पिक मैके विरासत के आयोजनों में समापन प्रस्तुतियों ने सभी का दिल जीत लिया जब खासकर हमारे अपने प्रदेश राजस्थान की रेतीली धरती से उपजे लोक गायन के कार्यक्रम हुए। राजस्थानी लोक गायकी के लोकप्रिय कलाकार बुन्दू खान लंगा और उनके आठ सदस्यीय दल ने गुरुवार को चित्तौड़गढ़ शहर में तीन स्थानों के विद्यार्थियों को अपने संगतकार गायक सिकंदर खान, खड़ताल वादक मोहम्मद अली सोनू, ढोलक वादक समंदर खान, सारंगी वादक आसीन खान और मोरचंग वादक हबीब खान के सहयोग से रोमांचित कर दिया। एक एक से लोकप्रिय गीत और इन्हीं में कुछ पुराने जजमानी गीत सुने और विद्यार्थियों ने भरपूर तालियाँ बजाते हुए एक बार फिर से यह जता दिया कि हमारी लोक संस्कृति की खुश्बू में बहुत ताकत है। हम रेतीले धोरों से निकले इस संगीत और असुविधाओं के बीच से आती इस गायकी के कायल हो गए।गोरबंध,हजारी गुड़लो फूल से लेकर दमादम मस्त कलंदर और अमिर खुसरो के कलाम छाप तिलक सब छिनी से दिनभर छाया रहा। कार्यक्रमों में कभी खड़ताल और ढोलक की जुगलबंदी ने आकर्षित किया तो कभी मोरचंग की सुरीली रागिनियों ने।
आयोजन संयोजक स्पिक मैके सह सचिव शाहबाज पठान के अनुसार पहली प्रस्तुति गुरुवार सुबह श्री भुवन भानु जैन सुरीश्वर विद्यालय में हुयी। यहाँ कलाकारों का स्वागत प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रणजीत सिंह नाहर, स्कूल प्राचार्य सुरेश शर्मा, उपाचार्य लाल सिंह शक्तावत, राज्य सलाहकार जेपी भटनागर, वरिष्ठ सलाहकार डॉ. साधना मंडलोई ने किया। मंच संचालन महेंद्र नन्द किशोर ने किया। इस मौके पर वैशाली गंगवानी और नजमुल हसन के निर्देशन में विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट की स्पिक मैके यूनिट भी उपस्थित थी।
दोपहर में दूसरा आयोजन गांधी नगर स्थित मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज में हुआ जहां सात सौ छात्राओं के बीच कलाकारों ने खूब मन से गाया और उन्हें बहुत दाद भी मिली। दीप प्रज्ज्वलन मेवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के सचिव गोविन्द गदिया, निदेशक प्रो.श्रीपाल सुथार ने किया। मंच संयोजन चित्तौड़ कॉलेज के निदेशक और स्पिक मैके सह सचिव विनय शर्मा ने किया। सूत्रधार की भूमिका फड़ चित्रकार दिलीप जोशी और जुनेद ने निभाई। यहाँ प्रस्तुति का समापन श्रोताओं की पसंद पर रामसा पीर और केसरिया बालम के गायन के साथ हुआ।
तीसरा और महत्वपूर्ण आयोजन विरासत के समापन सत्र के रूप में शाम साढ़े छ बजे सैनिक स्कूल में हुआ।संयोजक चित्रकार मुकेश शर्मा और स्पिक मैके की स्कूल यूनिट समन्वयक ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार वाइस प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक झा, ऑफिसर मेजर संजय चौधरी के आतिथ्य में समापन कार्यक्रम हुआअतिथि के तौर पर शामिल हुए। यहाँ भी पश्चिमी राजस्थान की गायकी का लगभग पांच सौ विद्यार्थियों सहित सौ से भी ज्यादा नगरवासियों ने आनंद लिया। रंग बिरंगी रोशनी के बीच सतरंगी पगड़ी और गले में सुर्ख लाल मफलर डाले आठों कलाकारों का पहनावा भी गायकी के उस माहौल को उंचाइयां दे रहा था। इस मौके पर राष्ट्रीय सलाहकार माणिक और सह सचिव पूर्णिमा ने संचालन करते हुए बताया कि बीते दो माह से चली रही विरासत में आठ कलाकारों ने पंद्रह संस्थाओं के सहयोग से बाईस कार्यक्रम हुए जिनमें लगभग बीस हजार विद्यार्थियों को हमने हमारी विरासत से परिचित कराया है। शंकर मेनन सभागार में उपस्थित सभी सहयोगियों को मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया गया।समापन में स्पिक मैके अध्यक्ष डॉ. खुशवंत सिंह कंग,सचिव सांवर जाट सहित लगभग दो दर्जन साथी मौजूद थे।
राज्य सचिव अनिरुद्ध ने बताया बीते बुधवार की दोपहर मणिपुरी नृत्य पुंग चोलोम की एक प्रस्तुति मेवाड़ विश्विवद्यालय में भी हुयी जहां लगभग तीन सौ विद्यार्थियों ने सातों पुरुष नर्तकों के मार्शल आर्ट को देखा और पुंग से अद्भुत स्वरों का आनंद लिया। मंच संचालन विश्विवद्यालय की ही मणिपुरी छात्राओं ने किया।कलाकारों का स्वागत प्रो. रमैया, प्रो.आर.के.पालीवाल, डी.के.शर्माने किया वहीं आभार रजिस्ट्रार एम. सुदर्शनम ने व्यक्त किया।
सांवर जाट,स्पिक मैके चित्तौड़ सचिव
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