साहित्य-संस्कृति की त्रैमासिक ई-पत्रिका
'अपनी माटी'
वर्ष-2 ,अंक-15 ,जुलाई-सितम्बर,2014
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सम्पादकीय
झरोखा
संस्कृतिनामा
आकोला की वस्त्र परम्परा-दाबु छपाई/डॉ. एच.एम. कोठारी
वर्तमान के आईने में बुन्देली लोक कला/ डॉ. अरुण कुमारी सिंह
वर्तमान के आईने में बुन्देली लोक कला/ डॉ. अरुण कुमारी सिंह
सिनेमा कल्चर
सतरास्ता
प्रसाद का कंकाल और भारतीय समाज/आरती रानी प्रजापति
आदमियों की रीड़ की हड्डी नहीं होती / परसाई जी वाया डॉ. दीपक पांडे
आदमियों की रीड़ की हड्डी नहीं होती / परसाई जी वाया डॉ. दीपक पांडे
'खड़ा है ओस में चुपचाप हरसिंगार का पेड़' / फ़िराक वाया विशेष कुमार राय
पहाड़ के नायक विद्यासागर नौटियाल/मुकेश कुमार
बेचैनी के आगे की राह / धूमिल वाया अखिलेश गुप्ता
बाबा नागार्जुन के उपन्यासों की कथाभूमि/ डॉ.प्रफुल्ल कुमार मिश्र
डॉ.शंकर शेष के नाटकों में सामाजिक यथार्थ/डॉ.पी.थामस बाबु
पहाड़ के नायक विद्यासागर नौटियाल/मुकेश कुमार
बेचैनी के आगे की राह / धूमिल वाया अखिलेश गुप्ता
बाबा नागार्जुन के उपन्यासों की कथाभूमि/ डॉ.प्रफुल्ल कुमार मिश्र
डॉ.शंकर शेष के नाटकों में सामाजिक यथार्थ/डॉ.पी.थामस बाबु
नयी इबारत
मूल्य विमर्श
प्रेमचंद-पूर्व हिन्दी कथा साहित्य में समाज और शिल्प /डॉ. राजेश कुमारी कौशिक
भारतीय नारी और वैयक्तिक मूल्यों की स्थिति/डॉ. ऋतु त्यागी
प्रेमचंद-पूर्व हिन्दी कथा साहित्य में समाज और शिल्प /डॉ. राजेश कुमारी कौशिक
भारतीय नारी और वैयक्तिक मूल्यों की स्थिति/डॉ. ऋतु त्यागी
समीक्षा की आँख
हस्तक्षेप
मित्र पत्रिकाएँ
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