प्रेस रिपोर्ट
बेहतर संगीत बिना जीवन सुना-रमा वैद्यनाथन
चित्तौड़गढ़ तीस अप्रैल,2014
हम कोशिश कर रहे हैं कि सालों पुरानी हमारी यह विरासत अपनी और आने वाली पीढ़ियों तक सहेज कर रखें साथ ही इसका बेहतरीन परिचय कराएं ताकि सांस्कृतिक वैभव का यह अनोखा अनुभव हम आगे बढ़ाते रहे।मंदिरों में जन्मी और अरसे तक के इस सफ़र में कई संक्रमणों से गुज़रने के बाद भी यह कला अखंड है।अब हमारी बारी है कि हम अपनी जड़ों को समझे और इस ग्लोबलाइजेशन के समय में भी अपने भीतर का मानव मन बचा कर रखे।बेहतर संगीत और अच्छे नृत्य की सांगत से जीवन में सुविधा रहती है।
यह विचार देश की ख्यातनाम भरतनाट्यम नृत्यांगना रमा वैद्यनाथन ने स्पिक मैके के बेनर तले चित्तौड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। सेंथी स्थित सेन्ट्रल एकेडमी सीनियर सेकंडरी स्कूल मेंबुधवार सुबह नौ बजे हुयी इस प्रस्तुति में श्रीमती वैद्यनाथन ने अपनी एक घंटे के नृत्य प्रदर्शन के मार्फ़त विद्यार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।सही मायने में एक व्याख्यान-प्रदर्शन से द्वारा रमा ने मंगलाचरण में सन्निधानम नामक रचना प्रस्तुत की। दर्शकों ने अनुभव किया कि हमें बाहरी चकाचौंध से धीरे-धीरे भीतरी सरलता और सहजता की तरफ बढ़ना चाहिए जैसे एक मंदिर में प्रवेश के वक़्त इसका स्थापत्य अपनी बाहरी चमक के बाद आखिर में गर्भगृह के साथ दिखने में कितना सुखद और साधारण होता है। इसके बाद कृष्ण और एक अनाम गोपिका के बीच के संवाद पर नाट्याभिनय और तिल्लाना प्रस्तुत किया। समापन में वन्दे मातरम पर भावपूर्ण अभिनय ने दर्शकों को झकझोर दिया। असल में नृत्यांगना वैद्यनाथन इस दौर की सबसे अपडेट और गंभीर किस्म की कलाविद हैं जो अपने काम के बहाने विद्यार्थियों में हमारी सांस्कृतिक समझ के बढ़ाते हुए नैतिक गुणों पर बल देती रही है।ऐसा कई बार लगा कि उनके नृत्य के समानांतर पर्याप्त रूप से राष्ट्रीयता की भावना विकसित होती रही है।
आयोजन में दीप-प्रज्ज्वलन प्राचार्य अश्रलेश दशोरा, स्कंध अध्यक्ष डॉ. ए एल जैन और आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी योगेश कानवा ने किया। संचालन छात्रा रूपल जैन और अध्यापक परेश नागर ने किया। इस मौके पर मंच पर चयनित और रुचिशील दस विद्यार्थियों ने विभिन्न मुद्राओं का थोड़ा अभ्यास भी किया और रमा वैद्यनाथन ने कई मुद्राएं दिखाकर उनके उपयोग और अर्थ सुलझाए।संगतकारों के रूप में गायक के. वेंकटेश्वर, नटूवंगम वादक के. शिवकुमार, मृदंग वादक आर. श्रीगणेश और बांसुरी वादक अनिरुद्ध भारद्वाज ने शिरकत की। आयोजन में नगर से पाँच सौ विद्यार्थियों सहित कई संस्कृतिप्रेमी मौजूद थे जिनमें अपनी माटी संस्थान अध्यक्ष डॉ.सत्यनारायण व्यास, डाईट उपाचार्य मीना रागानी, स्पिक मैके आन्दोलन के राष्ट्रीय सलाहकार माणिक, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जेपी भटनागर,कवि मनोज मख्खन, भरत व्यास शामिल हैं।
डॉ एएल जैन
स्पिक मैके चित्तौड़ अध्यक्ष
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