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नौवां गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल 28 मार्च से

जसम के महासचिव प्रणय कृष्ण करेंगे उद्घाटन
बिदेशिया इन बम्बई, गुलाबी गैंग, काफल सहित दिखाई जाएंगी दो दर्जन डाक्यूमेंटरी व फीचर फिल्में
प्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल पर बनी डाक्यूमेंटरी भी दिखाई जाएगी

गोरखपुर।
जन संस्कृति मंच और गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिरोध का सिनेमा का नौवां गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल 28 से 30 मार्च तक सिविल लाइन्स स्थित गोकुल अतिथि भवन में होगा। तीन दिवसीय इस फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन जन संस्कृति मंच के महासचिव प्रणय कृष्ण करेंगे जबकि उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता जन संस्कृति मंच के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो राजेन्द्र कुमार करेंगे।वर्ष 2006 में गोरखपुर से ही शुरू हुआ प्रतिरोध का सिनेमा का यह अभियान अब उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, ओडिशा, बंगाल और आन्ध प्रदेश तक विस्तार पा चुका है। नवां गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल प्रतिरोध का सिनेमा की 37 वीं कड़ी है।

यह जानकारी आज एक विज्ञप्ति में आयोजन समिति के अध्यक्ष मदन मोहन, फेस्टिवल के संयोजक डा. चन्द्रभूषण अंकुर और गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने दी। आयोजकों ने बताया कि फेस्टिवल में में दो दर्जन फीचर, डाक्यूमेंटरी व लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। उद्घाटन अवसर पर कहानीकार ज्ञान प्रकाश विवेक की कहानी पर आधारित फिल्मकार मो गनी की फीचर फिल्म कैद का प्रीमियर होगा। बुंदेलखंड में महिलाओं के आंदोलन पर बनी डाक्यूमेंटरी गुलाबी गैंग और मुम्बई में रहने वाले भोजपुरियों में गीत-संगीत के प्रति दीवानगी पर बनी डाक्यूमेंटरी बिदेशिया इन बम्बई फेस्टिवल का प्रमुख आकर्षण होंगी।

फेस्टिवल के आयोजकों ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद जन संस्कृति मंच नई दिल्ली के कलाकार रोहित काव्य नाटक मै नहीं मानता प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद फीचर फिल्म कैद दिखाई जाएगी। फेस्टिवल में डाक्यूमेंटरी खंड में फिल्मकार सुरभि शर्मा की बिदेशिया इन बम्बई , निष्ठा जैन की गुलाबी गैग, दीपेश जैन की 11 वीक्स, जेएनयू की स्टूडेंट यूनियन द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंटरी सहर से पहले का प्रदर्शन होगा। प्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल पर जन संस्कृति मंच द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंटरी मैने चुना एक अलग रास्ता , मुज्जफरनगर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर वीडियो पत्रिका न्यूज क्लिक की मुज्जफरनगर टेस्टिमोनियल्स और मारूति कर्मचारियों के संघर्ष पर बनी डाक्यूमेंटरी मारूति कर्मचारियों का संघर्ष का भी प्रदर्शन किया जाएगा। फीचर फिल्मों के खंड में गिल्लो पोंटेकोरवो की बैटिल आफ अल्जीयर्स दिखाई जाएगी। फेस्टिवल के तीसरे दिन बच्चों के लिए चिल्ड्रेन फिल्म सोसाइटी द्वारा बनाई गई बतुल मुख्तियार की फिल्म काफल दिखाई जाएगी। इसी सेशन में संजय मट्टू किस्सागोई शैली में बच्चो को तीन कहानियां सुनाएंगे। फेस्टिवल में लघु फिल्मों का भी एक सत्र रखा गया है। इसके अलावा उड़ीसा में जन संघर्षो में जन मीडिया के प्रयोगों पर फिल्मकार सूर्य शंकर दाश और कैमरे के प्रयोगों पर प्रसिद्ध छायाकार विवेक साह प्रस्तुति देंगे। जनसंघर्ष और नए कैमरे की भूमिका पर बहस का भी कार्यक्रम रखा गया है। फेस्टिवल के समापन अवसर पर डा अजीज अहमद नज्मों में गुफ्तगू नाम से एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। चेन्नई से फिल्म फेस्टिवल में शिरकत कर रहे मशहूर छायाकार और फिल्मकार आर वी रमणी की दस्तावेजी फिल्मकार आनंद पटवर्धन पर बनी फिल्म हिंदुस्तान हमारा नवें गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल की समापन फिल्म होगी।

फिल्मोत्सव के उद्घाटन सत्र में दो पुस्तकों-युवा कवि मृत्युंजय का कविता संग्रह स्याह हाशिए और सुप्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक की किताब अकाल की कला और जैनुल आबेदिन तथा दो फिल्मों-कवि वीरेन डंगवाल पर बनी डाक्यूमेंटरी मैने चुना अलग रास्ता और मो गनी की फीचर फिल्म कैद का लोकार्पण भी होगा।



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