डॉ. गंगा सहाय मीणा
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के सेवा गांव में 10 जुलाई 1982 को किसान परिवार में जन्म. अल्पायु में पिता का निधन. स्नातक (2001) तक की पढाई गांव रहकर ही समीपवर्ती स्कूल/कॉलेजों से. एम.ए. (2003) और शोध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से. केन्द्रीय हिंदी संस्थान से पोस्ट एम.ए. डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन एण्ड जर्नलिज्म. पहले प्रयास में जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए चयन (दिसंबर 2002). एम.फिल.(2005)- 'जूठन' और 'तिरस्कृत' में दलित चेतना का तुलनात्मक अध्ययन. डॉक्टरेट (2012)- 'राजस्थान के आदिवासी और हिंदी उपन्यास : अस्मिता व अस्तित्व का संघर्ष'. 2005 से अध्यापन. दिल्ली विश्वविद्यालय और पांडिचेरी विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं को अध्यापन. अप्रैल 2007 से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत.
पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन. शब्दयोग, कथादेश, अरावली उद्घोष, युद्धरत आम आदमी, अखडा, सबलोग, जनपथ, हॉराइजन, समसामयिक सृजन, समालोचन, फॉरवर्ड प्रेस, इंडिया टुडे आदि पत्रिकाओं में शोध पत्र व आलेख प्रकाशित. हिन्दुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर, जनसत्ता, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका, देशबंधु, जनसंदेश टाइम्स सहित कई अखबारों में कई दर्जन लेख प्रकाशित. सबलोग मासिक के संपादक मंडल में. 'गोल्डन रिसर्च थॉट्स' व 'हॉराइज़न' नामक शोध पत्रों के संपादकीय सलाहकार. दलित-स्त्री-आदिवासी-पिछडों के मुद्दों पर सजग दृष्टि. कई ब्लॉगों का संचालन. दर्जनों राष्ट्रीय गोष्ठियों में भागीदारी और आयोजन. दलित आदिवासी संवाद लेखन पुरस्कार 2011 से सम्मानित.
प्रकाशित पुस्तक-'आदिवासी साहित्य विमर्श' (सं.), अनामिका प्रकाशन, नई दिल्ली
संप्रति-
स.प्रोफेसर,
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,
नई दिल्ली. 9868489548, gsmeena.jnu@gmail.com
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