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डॉ.कनक जैन |
प्रतापगढ़ की आदिवासीतहसील अरनोदके दलोटगाँव में पले-बढ़े जहां छट्टीकक्षा सेही साहित्यिकपृष्ठभूमि की बाल पत्रिकाओं केचक्कर मेंआ गए.बाद केसालों मेंअखिल भारतीयविद्यार्थी परिषद् जैसे छात्र आन्दोलनमें भीअनेक दायित्वनिभाएं.कोलेजके ठीकबाद पत्रकारितामें भीहाथ साफ़किया.
चित्तौडगढ की साहित्यिकसंस्था संभावनाके सहसंयोजक औरबनास जनजैसी लघुपत्रिका केप्रबधसम्पादक है.यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' के साहित्यऔर कृतित्वपर शोधकिया है.वर्तमान मेंस्कूल शिक्षामें हिन्दीके प्राध्यापकहैं.
नगर में संचालितठीक-ठाकविचारों कीसामाजिक/सांस्कृतिकसंस्थाओं केआयोजनों मेंआपका आनाजाना है.मूल रूपसे विज्ञानके छात्रहै मगरहिन्दी केनाम सेख़ास पहचानहै.मोबाईल--9413641775
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