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बाल साहित्य पुरस्कार 2013


राजस्थान-सलूम्बर, 7 सितम्बर 2013, प्रथम वर्ष में दिए जाने वाले, प्रथम बार कृतियों को लेकर विधागत प्रवृष्टियों के जरिए स्वतंत्रता सैनानी औंकारलाल शास्त्री स्मृति पुरस्कार के लिए बाल साहित्य की 4 पुस्तकों एवं एक बाल पत्रिका को चुना गया है। बाल काव्य, काल कथा, बाल नाटक, बाल उपन्यास के लेखको एवं बाल पत्रिका के संपादक को बाल साहित्य में दिए गये उनके समग्र योगदान हेतु चुना गया है।

सलिला संस्था की अध्यक्ष डा. विमला भंडारी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल एवं चयनित सदस्यों की बैठक में आज 5 पुरस्कार व 2 सम्मान हेतु अनुमोदन किया गया। पुरस्कारों की घोषणानुसार बाल काव्य में उ.प्र. बिजनौर के डा अजय जनमेजय को उनकी पुस्तक ‘‘निंदिया सबसे प्यारी तू’’ के लिए चुना गया। बाल कहानी हेतु उ.प्र. शाहजहांपुर के डा. देशबन्धु शाहजहांपुरी को उनकी पुस्तक ‘उपहार’ के लिए चुना गया। बाल नाटक हेतु हरियाणा गुड़गांव के घमण्डीलाल अग्रवाल को उनकी पुस्तक ‘दादाजी ने पेड़ लगाया’ के लिए चुना गया। बाल उपन्यास हेतु राजस्थान जोधपुर की सुषमा चैहान ‘किरण’ को उनकी पुस्तक ‘जब मम्मी ने सर्कस देखा’ के लिए चुना गया। बाल पत्रिका हेतु उ.प्र. अलीगढ़ से प्रकाशित होने वाली बालपत्रिका को चुना गया। इसके लिए इसके संपादक निश्चल को पुरस्कृत किया जायगा। जिसके तहत 2500 रूपये की नकद राशि पुरस्कार के साथ सम्मान पत्र, शाल व स्मृति चिन्ह प्रत्येक को भेंट दिया जायेगा।

प्रतिवर्ष दिए जाने वाला सलम विशेषा साहित्यकार सम्मान हेतु इस वर्ष राजस्थान श्रीगंगानगर के स्वतंत्र पत्रकार एवं साहित्यकार डा. कृष्ण कुमार ‘आशु’ को एवं भीलवाड़ा मासिक पत्रिका शब्द सामयिकी के संपादक श्याम सुन्दर ‘सुमन’ को सम्मानित किया जायेगा।सम्मान स्वरूप 1100 रूपये की नकद राशि, सम्मानपत्र, स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जायेगा।

ज्ञातव्य है कि इस वर्ष प्राप्त प्रविष्टियों में सर्वाधिक पुस्तके बालकथा विधा के अन्र्तगत प्रविष्टि रही। पुरस्कृत व सम्मानित होने वाले लेखको को यह सम्मान 28-29 सितम्बर को सलिला संस्था द्वारा आयोज्य राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन में प्रदान किया जायेगा। 

डा. विमला भंडारी, 
अध्यक्ष, 
सलिला संस्था, 
सलूम्बर

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