प्रेस विज्ञप्ति
मणिपुरी नृत्य से विद्यार्थी हुए रोमांचित
स्पिक मैके की वर्ल्ड डांस सिरीज का उदघाटन
चित्तौड़गढ़ 24 अप्रैल,2013
संगीत सीखने के बाद प्रोफेशनल कलाकार ही बने कोई ज़रूरी नहीं है। कलाएं हमेशा हमारे मन को ताकत और स्फूर्ति देती रहीं हैं।हमें सदैव समय निकालकर अपने व्यक्तित्व में कुछ कलाओं का समावेश करना ही चाहिए।इससे खासकर विद्यार्थी अपने अध्ययन के दौरान चीजों के प्रति खुद को एकाग्र करने में सहूलियत अनुभव करेंगे।
ये विचार मंगलवार को चित्तौड़गढ़ आयीं मणिपुरी नृत्यांगना बिम्बावती देवी ने अपने स्पिक मैके प्रस्तुतियों के दौरान कहे।उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय मण्डफिया में अपने पहले कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी आदि की माध्यम से विद्यार्थियों को संगीत और नृत्य की बारीकियों से परिचित कराया।खासकर उन्होंने मणिपुर की भौगोलिक स्थितियों की चर्चा करते हुए वहाँ की सांस्कृतिक परम्पराओं के बारे में बहुत सी जानकारियाँ दी।हमारे देश में जहां पूर्वोत्तर भारत के बारे में वैसे भी हमारा ज्ञान और अनुभव बहुत कम जान पड़ता है ऐसे में ये शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति वहाँ की विरासत के बारे में एक अनुभव देने में सफल रही।
आयोजन में उन्होंने राधारूप वर्णन के साथ ही माखन चोरी के दृश्य पर भाव की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम सञ्चालन संगीत अध्यापक वी गुजराल ने किया वहीं आभार स्कूल में स्पिक मैके संयोजक मालाराम चौधरी ने किया।इस आयोजन में चित्तौड़ से भी कई नृत्य रसिकों ने हिस्सा लिया जिनमें डॉ राजेश चौधरी, डॉ रेणु व्यास, सुमित्रा चौधरी, यशोदा बसेर, आन्दोलन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे पी भटनागर शामिल थे।
वर्ल्ड डांस सिरीज के इन आयोजनों में दूसरा कार्यक्रम नानेश नगर दांता स्थित आचार्य श्री नानेश समता विकास ट्रस्ट द्वारा संचालित महाविद्यालय में दोपहर बारह बजे हुआ। बिम्बावती देवी ने अपने संगतकारों सितार वादक सुखमोहे भट्टाचार्य, पुंगचोलो वादक ब्रोजन सिंह, बांसुरी वादक शुभकमल चटर्जी और गायिका प्रमिला देवी के सहयोग से शिव स्तुति, तांडव, पुगचोलम, कृष्ण भक्ति की जीवंत और प्रभावी प्रस्तुति दी। मुख्य कलाकार बिम्बावती ने कहा कि मणिपुरी नृत्य अपने कोमल रवैये के कारण ज्यादा चर्चित है।ये नृत्य अपने लोक रूप में मणिपुरी समाज में अच्छे से समाया हुआ है इसीलिए उसी रूप में ज़िंदा है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय, नानेश ऐकेडमी सीनियर सेकण्डरी इंग्लिश मीडियम स्कूल , और आई.टी.आई. के विद्यार्थियों एवं स्टाफ ने अंश ग्रहण किया।कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन, अतिथियों का माल्यार्पण महाप्रबंधक प्रवीण कुमार टाक, संस्था के सलाहकार जी.के. बोहरा एवं डायरेक्टर डॉ. बी.एल. चावत ने किया।नृत्य के बाद दर्शकों ने कहा कि परीक्षा के दौरान होने वाले मानसिक तनाव को दूर करने के लिए नृत्य एवं संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका है तथा ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को भारतीय कला एवं संस्कृति से परिचित होने का अवसर भी प्राप्त होता है।
कलामंडलम अमलजित छब्बीस को चित्तौड़ में
स्पिक मैके चित्तौड़ शाखा द्वारा आयोज्य कार्यक्रमों में छब्बीस अप्रैल को दक्षिणी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला कथकली के युवा नर्तक कलामंडलम अमलजीत अपने छ: सदस्यों के साथ चित्तौड़ में आयेंगे।स्पिक मैके अध्यक्ष डॉ ए एल जैन, स्कूल प्राचार्य अश्रलेश दशोरा और संस्था निदेशक बी डी कुमावत के अनुसार अमलजीत शुक्रवार को सुबह नौ बजे सेन्ट्रल एकेडमी में और ग्यारह बजे गांधी नगर स्थित विशाल एकेडमी में अपने कार्यक्रम देंगे।
हरीश लड्ढा,सिरीज संयोजक
हरीश लड्ढा,सिरीज संयोजक
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