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''एक फोर्मेट में काम करते हुए कलाओं के ज़रिये हम विद्यार्थियों में शास्त्रीय नृत्य के प्रेक्टिकल अप्रोच को बढ़ावा दे रहे हैं ''-कलामंडलम एम् अमलजीत

स्पिक मैके आयोजन रिपोर्ट

कथकली की मुद्राओं के साथ शुद्ध नृत्य से विद्यार्थी हुए भावविभोर 

चित्तौड़गढ़ 26 अप्रैल, 2013

शास्त्रीय नृत्य के नाम लेने मात्र से ही दर्शकों और खासकर युवा पीढ़ी में कुछ विशेष नियम क़ानून में बंधे नृत्य आयोजन की रूपरेखा बनती हैं।लेकिन ये भी सच है कि एक फोर्मेट में काम करते हुए कलाओं के ज़रिये हम विद्यार्थियों में शास्त्रीय नृत्य के प्रेक्टिकल अप्रोच को बढ़ावा दे रहे हैं जो शायद आज के परिदृश्य में ज्यादा ज़रूरी हो गया है। योगासनों,मुद्राओं,पक्षी-पशुओं के आंगिक अभिनय से लोगों के मानस में संवेदनाएं उकेरने की कोशिश कर रहे हैं।स्पिक मैके आयोजनों में सारे दायित्व स्कूली बच्चों द्वारा करते हुए देख हम खुश हैं और भी कि इस तरह हम सही अर्थों में संस्कारों के ज़रिये अपनी विरासत की एक झलक दे रहे हैं।बस यही कहना था कि जीवन में सरसता के लिए नृत्य-संगीत  की दुनिया से तालमेल रहना बड़ा ज़रूरी है।

ये विचार दिल्ली के युवा कथकली नर्तक कलामंडलम एम् अमलजीत  ने चित्तौड़गढ़ में स्पिक मैके की वर्ल्ड डांस सिरीज के दौरान कहे।पंडित रविशंकर को समर्पित इन आयोजनों में छब्बीस अप्रैल के दिन अमलजीत ने अपने संगतकारों समन्वयक कलामंडलम उन्नीकृष्णन, सह नर्तक कलामंडलम विवेक, मृद्ला वादक कलामंडलम  सुधीश, मेकअप कलाकार कलामंडलम  राजेश, गायक कलाभारती आर जयकुमार के सहयोग से शहर में दो प्रस्तुतियां दी।

मंडली ने मुद्राओं के साथ ही सामान्य वाक्यों पर भाव दिखाए।कला कौशल के दिखावटी अंदाज़ से बहुत दूर जाकर उन्होंने व्यावहारिक शैली से बच्चों के साथ तालमेल बिठाया।आरम्भ में नवरस की जानकारी देते हुए उन्होंने प्रभावी अभिनय किया।इस बीच क्रोध और वीर रस के दौरान तो कई विद्यार्थी रो पड़े,दर गए,सहम गए ।हास्य और श्रृंगार से रोमांचित हुए।उन्होंने महाभारत से दो प्रमुख दृश्य अभिनय कर दिखाए जिनमें एक किसी वीर पुरुष के वन भ्रमण के दौरान नदी, बन्दर, पेड़ से मुलाकातों को सजीव किया गया। दूसरे बिम्ब में शेर द्वारा हाथी के शिकार का भाव था।कुलमिलाकर हमारी जानी पहचानी कहानियों को जीवंत करके कलाकारों ने मन मोह लिया।आखिर में भगवान् कृष्ण के साथ द्रोपदी के संवाद को प्रस्तुत किया गया जो शुद्ध नृत्य के हिसाब से सबसे सटीक प्रस्तुति साबित हुई।

पहले कार्यक्रम के दौरान सेन्ट्रल अकेडमी स्कूल में प्राचार्य अश्रलेश दशोरा और समन्वयक परेश नागर के सानिध्य में मंच संचालन श्रुति सोमाणी और सृष्ठी डाड ने किया। दीप प्रज्ज्वलन स्पिक मैके राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जे पी भटनागर, वरिष्ठ सलाहकार ओमस्वरूप सक्सेना, सिरीज समन्वयक हरीश लड्ढा, ने किया। समारोह में नगर से कवि अब्दुल ज़ब्बार,समालोचक डॉ सत्यनारायण व्यास, कॉलेज व्याख्याता सुमित्रा चौधरी, डालर सोनी, चन्द्रकान्ता व्यास, रजनीश दाधीच ने भी शिरकत की। दूसरा कार्यक्रम गांधी नगर स्थित विशाल एकेडमी सीनियर सेकंडरी स्कूल में हुआ जहां अतिथियों का अभिनन्दन प्रधानाध्यापक डी एल सुरेडिया, मीना रागानी, राजेश रामावत, लीला शर्मा, छात्रा अंजली शर्मा, दिव्यता राणावत ने किया।दोनों कार्यक्रमों के सूत्रधार माणिक थे।

डॉ ए एल जैन,अध्यक्ष ,स्पिक मैके चित्तौडगढ 

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