जन संस्कृति मंच का 13वां राष्ट्रीय सम्मलेन कल 3 नवम्बर से गोरखपुर में शुरू हो रहा है। सम्मलेन का उदघाटन हिन्दी के लब्धप्रतिष्ठित आलोचक-विचारक श्री रविभूषण करेंगे। सदो द्विवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन 'साम्राज्यवाद और आज का सांस्कृतिक संकट ' विषय पर केन्द्रित रहेगा। देश के विभिन्न प्रान्तों से जन-आन्दोलनों के पक्षधर कलाकार,कवि , लेखक, पत्रकार, संस्कृतिकर्मी, फिल्मकार और बुद्धिजीवी गोरखपुर में इस विषय पर मंथन करेंगे। उत्तर प्रदेश, दिल्ली,बिहार,छत्तीसगढ़, उत्तराखंड जैसे हिन्दीभाषी इलाकों के अलावा बंगाल और उड़ीसा से भी सम्मलेन में शिरकत करनेवालों का आगमन शुरू हो चुका है। सम्मेलन में जन संस्कृति मंच के बिरादराना संगठनों में प्रगतिशील लेखक संघ तथा जनवादी लेखक संघ और पश्चिम बंग गण सांस्कृतिक परिषद् के साथी भी शिरकत करेंगे।
जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मैनेजर पाण्डेय , जन कवि बल्लीसिंह चीमा, कवी केदारनाथ सिंह, वीरेन डंगवाल मदन कश्यप, निर्मला पुतुल, अष्टभुजा शुक्ल , पंकज चतुर्वेदी, कथाकार मदनमोहन , सुभाष कुशवाहा, नाट्यकर्मी राजेश कुमार सहित तमाम साहित्यिक हस्तियाँ सम्मलेन में भाग लेंगी, सम्मलेन के दूसरे दिन जन संस्कृति मंच के नाट्य प्रभाग, फिल्म समूह, कथा समूह, कला समूह , कविता समूह, प्रकाशन विभाग, लोक कला तथा जनभाषा समूहों जैसे केन्द्रीय निकायों के परिप्रेक्ष्य-पत्रों पर बहस करके उन्हें पारित करने के साथ नए पदाधिकारियों और राष्ट्रीय परिषद् का चुनाव संपन्न होगा। इस अवसर पर कवी सम्मलेन , फिल्म प्रदर्शन और विभिन्न प्रान्तों की गीत- नाटक मंडलियों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। महासचिव की रिपोर्ट और पिछले दो वर्षों में विभिन्न प्रदेशों में मंच की गतिविधियों की रिपोर्ट पर बहस के साथ सम्मलेन आगामी कार्यभारों और प्रस्तावों की घोषणा करेगा।
प्रणय कृष्ण
महासचिव,
जन संस्कृति मंच
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