सामुहिक क्षमापना एंव सम्मान समारोह का आयोजन
निम्बाहेड़ा
जैन धर्म एक धर्म ना होकर जीवन जीने की पद्वति है, जिस पर चलकर समय की मांग के अनुरूप परिवार व समाज में सौहार्द एंव शांति स्थापित हो सकती है। यह विचार प्रखर चिन्तक व वक्ता प्रो.ए.एल.जैन ने जैन श्योशल ग्रुप निम्बाहेडा द्वारा कम्युनिटी हॉल में आयोजित सामुहिक क्षमापना एंव सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रखे। ग्रुप उपाध्यक्ष मनीश खेरोदिया के अनुसार समारोह में अतिथि मुख्य वक्ता डॉ.राजेन्द्र सिंधवी ने क्षमापना के सही अर्थ को जैन धर्म व सांस्कृतिक परम्परा से जोड़ते हुए विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की। प्रारम्भ में ग्रुप अध्यक्ष डॉ. कमल नाहर ने स्वागत उदबोधन प्रस्तुत किया तथा ग्रुप महासचिव दिलीप हिंग्गड ने गतिविधियों की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत की। समारोह में महावीर जंयती के अवसर पर आयोजित शिविर में रक्त दान करने वाले 31 रक्तदाताओं एंव चार्तुमास में तप करने वाले 21 तपस्वियों का बहुमान व सम्मान किया।
ग्रुप अध्यक्ष डॉ. कमल नाहर के अनुसार समर्पण व सेवा भाव से कार्य कर उत्कृष्ट मुकाम प्राप्त करने वाले जैन रत्नों का सम्मान किया गया। इसमें साहित्य के क्षैत्र में डॉ. राजेन्द्र सिंधवी, नेत्र दान के क्षैत्र में डॉ. जे.एम. जैन तथा जे.के.सीमेण्ट के युनिट हेड के.के. जालोरी का सम्मान किया गया। मनीश खेरोदिया ने बताया कि समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. जे.एम. जैन व अध्यक्षता के.के. जालोरी ने की। समारोह में अशोक नवलखा, रोशनलाल खेरोदिया, शांति लाल मारू, विजयसिंह लोढा, शांति लाल छाजेड़, शांति चन्द्र मेहता एवं अशोक मारू सहित कई जैन समाज के गणमान्य सदस्य उपस्थित थे। गु्रप के सुनील डूंगरवाल, सत्यमेव सेठिया, शीतल नागोरी, वी.के. जैन, अखिलेश जैन, गोतम विराणी, मनीश जैन, अनिल सालेचा, एस. एस. बक्षी आदि ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। समारोह का संचालन ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष दिलीप पामेचा ने किया तथा आभार ग्रुप अध्यक्ष डॉ. कमल नाहर ने व्यक्त किया। समारोह में गु्रप के सदस्य, अतिथि व नागरिक उपस्थित थे।
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