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सितम्बर में तीन को सूफी गायन और 7-8 को मोहिनीअट्टम


प्रेसविज्ञप्ति
सितम्बरमें तीनको सूफीगायन और7-8 को मोहिनीअट्टम

युवाओंको भारतीयशास्त्रीय संगीत और संस्कृति केप्रति संवेदनशीलबनाने केउद्देश्य सेपिछले पैंतीससालों सेकार्यरत छात्रआन्दोलन स्पिकमैके कीचित्तौड़ शाखाने हालकी अपनीविरासत मेंपिछले ग्यारहदिनों मेंअठाईस प्रस्तुतियांआयोजित कीहै। बेंकऑफ़ बड़ोदाऔर जुबिलंटभरतीया फाउन्डेशनके साथमिलकर होरही इनप्रस्तुतियों में सितम्बर माह मेंभी बहुतसे आयोजनहोंगे। अध्यक्षडॉ एल जैनके अनुसारतीन सितम्बरको सुबहग्यारह बजेबोजुन्दा स्थितविज़न स्कूलऑफ़ मेनेजमेंटमें पश्चिमीराजस्थान केगायक ज़मीलखान अपनासूफी गायनप्रस्तुत करेंगे।प्रस्तुति समन्वयक डॉ विभोर पालीवालके अनुसारतैयारियां अंतिम दौर में हैं।बहुतलम्बे समयबाद शहरमें होरहे सूफीगायन कोलेकर पर्याप्तउत्साह है।विश्व केबहुत सेदेशों मेंअपनी गायकीके जलवेदिखा चुकेज़मील खानमांगनियार अपने : सदस्यीय दलके साथसूफी कलामपेश करेंगे।हाल हीमलेशिया मेंमांगनियार गायकी की इस शैलीको संरक्षणदेने केलिए उन्हेंग्रेमी दियागया है।

  
संभागीयसमन्वयक जेपी भटनागरके अनुसारस्कंध चित्तौड़के तत्वावधानमें सातऔर आठसितम्बर कोमोहिनीअट्टम नृत्य की चार प्रस्तुतियांहोगी। विक्रमसीमेंट, बिरलासीमेंट औरआदित्य सीमेंटके संयुक्तसहयोग सेआयोज्य इनकार्यक्रमों में देश की जानीमानी कोरियोग्राफरडॉ नीनाप्रसाद अपनेचार सदस्यीयदल केसाथ मोहिनीअट्टमनृत्य प्रस्तुतकरेगी। अंगरेजीमें स्नातकोत्तरनीना नेसंगीत केक्षेत्र मेंही शोधभी कियाहै। नीनाप्रसाद कथकलीऔर कुचिपुड़ीनृत्य मेंभी पारंगतहैं। देशभरके साथही कईप्रतिष्ठित सेमिनारों में डॉ नीनाने शोधपत्र पढ़ेहैं। डॉनीना प्रसादसात सितम्बरको  सुबह नौ बजे सेन्ट्रल अकादमीस्कूल औरदिन मेंबारह बजेआदित्य बिरलापब्लिक स्कूलआदित्यपुरम में नृत्य पेश करेगी।इसीतरह आठसितम्बर कोसुबह आठबजे विक्रमनगर खोरस्थित

 आदित्यबिरला पब्लिकस्कूल मेंऔर दिनके बारहबजे बिरलाशिक्षा केंद्रमाधव नगरमें विद्यार्थियोंसे मुखातिबहोगी। येसभी आयोजनप्राचार्य समूह के अश्रलेश दशोरा,एस केगुप्ता , एस गंगवारऔर जीएन माथुरके निर्देशनमें संपन्नहोंगे।
  
इधरशनिवार कोसुबह डॉवर्षा अग्रवालके संतूरवादन कीदो प्रस्तुतियोंके साथही संतूरकार्यशालाएं समाप्त हो गयी। अंतिमदिन प्रधानाध्यापकबिहारी लालशर्मा केसानिध्य मेंमाध्यमिक विद्यालय,सेहनवा औरप्राथमिक विद्यालयसेहनवा मेंविद्यार्थियों संतूर्र वादन सूना।

 डॉ  एल जैन

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