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हमारी शास्त्रीय विरासत की सार-संभाल हमारी ही जिम्मेदारी-डॉ वर्षा अग्रवाल

प्रेस विज्ञप्ति 
हमारी शास्त्रीय विरासत की सार-संभाल हमारी ही जिम्मेदारी-डॉ वर्षा अग्रवाल 

देश की ख्यातनाम संतूर गुरु डॉ वर्षा अग्रवाल ने चित्तौड़ में स्पिक  मैकेबेंक ऑफ़ बड़ोदा और जुबिलंट भरतीया फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को आयोजित अपनी दो प्रस्तितियों के दौरान कहा कि तमाम शास्त्रीय और लोक संगीत से जुडी विरासत हमारी अमोल निधि का ही हिस्सा है।हमें ये आज सोचना ही होगा कि हम किस तरह से इसकी सार-संभाल करें।यदि इस संस्कृतिविषयक थाती का जिम्मा हम नहीं ले पायेंगे तो आने वक़्त  में पछताने के अलावा कुछ भी हाथ नहीं आयेगा।

गुरुवार को संतूर वादन की कार्यशालाएं उमावि धनेतकला में प्रधानाध्यापक सत्यनारायण शर्मा और माध्यमिक विद्यालय डगला का खेड़ा में प्रधानाध्यापक संजीदा सैयद के संयोजकत्व  में  पूरी हुयी।लगभग छ सौ छात्र-छात्रा लाभान्वित हुए। दोनों स्थान पर राग अहीर भैरव में बंदिश अलबेला सजन आयो रे बजाया।विद्यार्थियों ने संतूर वादन जैसी शास्त्रीय आयोजन को बहुत कम जानकारी के बावजूद बहुत ध्यान की मुद्रा में सुनकर सराहा।स्पिक मैके  संयोजक जेपी भटनागर के अनुसार शुक्रवार को कार्यशालाएं ओछ्ड़ी स्थित माध्यमिक स्कूल में सुबह आठ बजे और वहीं उप्रावि बालिका में साढ़े  नौ बजे होगी।

इधर विरासत के दूसरे और मुख्य आयोजन में आगामी तीन सितम्बर को दिन में ग्यारह बजे बोजुन्दा स्थित विज़न स्कूल में पश्चिमी राजस्थान के सूफी गायक ज़मील खान का सात सदस्यीय दल अपनी प्रस्तुति देगा।संस्थान के सचिव राजेन्द्र पारीक और स्पिक मैके उपाध्यक्ष डॉ विभोर पालीवाल के अनुसार आयोजन को लेकर तमाम तैयारियां जारी है।कोलेज के विद्याथियों में सूफी संगीत की इस प्रस्तुति को लेकर बहुत उत्साह है।

डॉ ए .एल जैन

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