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बिहार योग भारती में गुरू पूर्णिमा पर उमड़ा श्रद्धालूओं का सैलाव


सज्जन कुमार गर्ग

मुंगेरः 
बिहार योग भारती विश्वविद्यालय में गुरूपूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का सैलाव उमड़ पड़ा, लोगों ने गुरू की महिमा का वखान किया। पूरा आश्रम परिसर गुरूदेव की महिमा के गान से गुंजता रहा।योग भारती के अध्यक्ष स्वामी सूर्यप्रकाश सरस्वती एवं स्वामी शंकरानंद जी महराज के मार्गदर्शन में गुरूपूजन, स्तुति, अरदास, भजन कीर्तन एवं प्रवचन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी सूर्यप्रकाश ने गुरूत्व के भाव अपने जगाने तथा आत्मसात करने की आवश्यकता बतायी। सनातन धर्म का विश्व को अनमोल देन है गुरू- शिष्य परंपरा ।गुरू पुर्णिमा का खास महत्व है।उन्होंनो कहा कि गुरू का सर्वोच्च स्थान है। शिष्य के अज्ञान रूपी अंधकार को प्रकाशमय बनाते हैं गुरू ।गुरू की महिमा का साक्षात्कार गुरूमहिमा का वास्तविक मकसद है। 

गुरूदेव स्वामी शिवानंद सरस्वती तथा स्वामी सत्यानंद सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान लोगें ने गुरूपादुका के दर्शन तथा पूजन किये तथा आर्शीवाद ग्रहण किये।योगआश्रम परिसर में वाल योग मित्र मंडल के कलाकारों ने गुरू महिमा से संवधित  भजन स्तूति का पाठ आरंभ हुआ तो आश्रम परिसर गीतों से गुजायमान हो उठा। लोग भक्ति भाव में इतने विभोर हो गये कि तमन्य होकर गीत के लय पर झूमने तथा नाचने लगे। कीर्तन गायन ने लोगों को अभिभूत कर दिया।  इस अवसर पर स्वामी ज्ञानभिक्षु, जामा मस्जिद के इमाम अब्दुला बोखारी, सूचना एवं जनसंपर्क के उपनिदेशक डॉ रामनिवास पांडेय, मोहनलाल खेमका, काशी प्रसाद राजगढ़िया के साथ-साथ वड़ी संख्या में आश्रम में रह रहे देश - विदेश के सन्यासियों, वाल योग मित्र मंडल के निर्देशक वेदव्रत के साथ-साथ बच्चों ने हिस्सा लिया और इस वर्ष आयोजित होनवाले गुरूपूर्णिमा के पावनपर्व के साक्षी बने तथा गुूरू पूर्णिमा के संदेश को लेकर लौटे।

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