- ''मैं समाजवादी व्यवस्था में ही वर्तमान संकट का हल देखता हूँ ।’'-भागीरथ भार्गव
- संस्मरण:इब्ने सफी, इब्ने सईद और राही मासूम रजा तीनों दोस्त थे ।
- प्रकाश खत्री के कुछ कवितानुमा विचार/अनुभव-5
- ''बनारस के वाएब्रेशंस विलग ही हैं ''-उमेश सेठ
- नयी किताब:टीचर प्रश्न करते हैं कि तुम्हारा सर नेम क्या है ?
- मेहंदी हसन के बहाने कलाजिवियों के हालात पर किशोर की डायरी
- किशोर चौधरी की डायरी से:''औरत होने से आदमी होना आसान होता है''
- परदेश में नौकरी और घर का मोह
- अरुण प्रकाश :एक SMS जो बैचन कर गया
- हमारे चारों तरफ जो बाज़ार है किसी को नहीं छोड़ता Vaya 'राजधानी में एक उज़बेक लड़की'
- डॉ.मनोज श्रीवस्तव की एक ज़रूरी कविता 'उफ़्फ़! आह!! हाय!!!'
- ''फिल्म कैसी आयेगी, यह दर्शक डिसाइड करता है.''-अनुराग कश्यप
- आप 'आपातकाल' को कितना 'मिस' करते हैं?
- ''स्त्री मन की आजादी का कोमल और संवेदनशील चित्रण है 'औरत जो नदी है ' ''- अनंत विजय
- वर्ग संघर्ष की कहानी कहते हुए असल तस्वीर उतारती डॉ.अरविंद श्रीवास्तव श्रीवास्तव की कवितायेँ
- डॉ.सदाशिव श्रोत्रिय का निबंध:-इस दौड़ में 'फुरसत' बहुत पीछे छूट गयी है
- डॉ.अरविंद श्रीवास्तव:कवि की प्रगतिशीलता भी यहाँ खूब उभर कर सामने आयी है।
- प्रकाश खत्री के कुछ कवितानुमा विचार/अनुभव-4
- डा. मनोज श्रीवास्तव की कहानी 'प्रेम-पचीसी'
- कालुलाल कुलमी की हुसैन पर कवितायेँ
- स्वतंत्र राय:रह रह कर सपने आते है भोपाल गैस काण्ड के
- अपने समय को उदेड़ते हुयी डॉ.अरविंद श्रीवास्तव की कवितायें
- डॉ.सत्यनारायण व्यास की लम्बी कविता 'सीता की अग्नि परीक्षा'
- शहर की सेर :लखनऊ
- कहावतों में मोहन थानवी का हाथ
- बातचीत:अनुवाद एक तरह का पुनर्सृजन है
- आलेख:मेहंदी हसन होने के मायने
- मेरे संस्मरणों में बच्चे@सुधीर सुमन
- धर्मनिरपेक्षता Vaya व्यंग आलेख By संजीव निगम
- दूजे शहरों की तरह चित्तौड़गढ़ के साथ भी ऐसी ही कहानी है ।
- अनिल अयान श्रीवास्तव की चुनिन्दा गज़लें
- डा. मनोज श्रीवास्तव की कहानी 'एक और प्रहलाद'
- ''आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी जी अपने जीवन-काल में ही मिथक-पुरुष बन गए थे।''-डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी
- प्रकाश खत्री के कुछ कवितानुमा विचार/अनुभव-3
- यह दिल्ली है जब जहां जो काम हो सके तुरंत कर लो @ 'डाक का डिब्बा'
- दिनेशचन्द्र कुम्हार@ एक सादे आदमी का आकाशी काम
- प्रकाश खत्री के कुछ हाइकु
- 'विश्व मातृत्व दिवस':सारी कायनात है माँ !
- सत्यमेव जयते के बहाने कारवां में शामिल एक और आलेख
सलाहकार समूह(संरक्षक)
जिनकी पहचान ख़ास तौर पर आलोचक और कवि के रूप में रही है.मूल रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में हमीरगढ़ के वासी पिछले कई सालों से चित्तौड़गढ़ में रहते हैं.जीवनभर में तेरह नौकरिया की.घुमक्कड़ी का पूरा आनंद.कोलेज शिक्षा से हिंदी प्राध्यापक पद से सेवानिवृत.आचार्य हजारी प्रसाद द्विबेदी पर पीएच.डी.,दो कविता संग्रह,एक प्रबंध काव्य,पीएच.दी. शोध पुस्तक रूप में प्रकाशित है.इसके अलावा कई पांडुलिपियाँ छपने की प्रतीक्षा में.कई विद्यार्थियों के शोध प्रशिक्षक रहे.अपनी बेबाक टिप्पणियों और सदैव व्यवस्था विरोध के लिए जाने जाते हैं.कई सेमिनारों में पढ़े/सुने गए हैं.आकाशवाणी से लगातार प्रसारित हुए हैं.उनकी मुख्य कविताओं में शंकराचार्य का माँ से संवाद, कथा हमारे उस घर की ,सीता की अग्नि परीक्षा हैं.उनका संपर्क पता 29,नीलकंठ कालोनी, मोबाइल- 09461392200 चित्तौड़गढ़, राजस्थान उनका ब्लॉग लिंक है .
कवि और राजस्थानी साहित्यकार के रूप में ख्यात है।
पिछले चार दशक से मैं हिन्दी और राजस्थानी में अपने लेखन-कार्य से जुडाव है।
हमेशा से श्रेष्ठ लेखन के कलमकार जो हाल ही में अपने नए कविता संग्रह 'आदिम बस्तियों के बीच' से खासी चर्चा में है.
अपनी माटी वेबपत्रिका के सलाहकार भी हैं .
साहित्य के हल्के में बड़ा नाम है।आकाशवाणी और दूरदर्शन में पूरी उम्र निकली है।
सेवानिवृत वरिष्ठ निदेशक,दिल्ली दूरदर्शन केंद्र,जयपुर .
ब्लॉग है .हथाई, उनका पूरा परिचय
चित्तौड़ नगर के शिक्षाविद हैं.जो कोलेज शिक्षा से सेवानिवृत प्राचार्य हैं.
वर्तमान में भगवान् महावीर मानव समिति चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष,
मीरा स्मृति संस्थान के सह सचिव, स्पिक मैके के अध्यक्ष
होने के साथ ही वे इस आन्दोलन में संयोजन मंडल में हैं.लगातार पढ़ते रहने की आदत है।सामाजिक सेवा कार्यों में विशेष रूचि है।
समय के साथ आए न्यू मीडिया युग के प्रबल पक्षधर है।आपका संपर्क सूत्र -ए-64शुभम,बापू नगर,सैंथी,चित्तौड़गढ़-राजस्थान ,ईमेल-draljain@gmail.com,मो-9414109779
कोलेज शिक्षा से उम्रभर जुडाव रहा। लगभग दस वर्ष तक सिरोही
फिल्म सोसाइटी का संचालन किया हैं।देश-विदेश की यात्राओं के ज़रिये सामाजिक सन्दर्भों में आये बदलाव पर वैश्विक तुलना के कई आलेख प्रकाशित हैं।
जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी का सदस्य रहे हैं। जब भी संभव हो सका जानेमाने अखबारों में स्तम्भ लेखन किया है। आप आकाशवाणी व दूरदर्शन से नियमित प्रसारित हुए हैं। आपका संपर्क सूत्र- ई-2/211, चित्रकूट, जयपुर- 302 021,मो-
+91-141-2440782 ,
+91-09829532504, ईमेल- dpagrawal24@gmail.com
मो 09829190626,
जयप्रकाश मानस
संपादक, www.srijangatha.com
कार्यकारी संपादक,
पांडुलिपि (त्रैमासिक)
एफ-3, छगमाशिम,
आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा
रायपुर,
छत्तीसगढ़-492001
मो.-94241-82664
सम्पादक मंडल सदस्य
अरविंद श्रीवास्तव ,मघेपुरा ,बिहार
मधेपुरा,बिहार से हिन्दी के युवा कवि हैं, लेखक हैं।
संपादन-रेखांकन और अभिनय -प्रसारण जैसे कई विधाओं में आप अक्सर देखे जाते हैं।
जितना आप प्रिंट पत्रिकाओं में छपते हैं,
उतनी ही आपकी सक्रियता अंतर्जाल पत्रिकाओं में भी है।
संपर्क- कला-कुटीर अशेष मार्ग,
मधेपुरा, बिहार- 852113 (बिहार)
फ़ोन : 094310 80862
पुखराज जांगिड़,दिल्ली
‘आधी जमीन’ (पटना), ‘युद्धरत आम आदमी’ (नई दिल्ली), ‘परिकथा’(नई दिल्ली), ‘हंस’ (नई दिल्ली), ‘कथादेश’ (नई दिल्ली), ‘प्रगतिशील वसुधा’ (भोपाल),‘सबलोग’ (नई दिल्ली), ‘पुस्तक-वार्ता’ (वर्धा) में लेखन।
ब्लॉग:-जयरामढाणी
संपर्क :- 204-E, ब्रह्मपुत्र छात्रावास,
पूर्वांचल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,
नईदिल्ली110067,
ई-मेल–pukhraj.jnu@gmail.com
कौशल किशोर ,लखनऊ
आलोचक और वरिष्ठ कवि है जिनका हाल ही में नया संस्मरणात्मक उपन्यास कथा रिपोर्ताज पाँव ज़मीन पर बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित हुआ है.उनके बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करिएगा
संपर्क ३४/242 प्रतापनगर,सेक्टर.3 जयपुर.303033 ;राजस्थान
ई-मेल shailendrachauhan@hotmail.com, फोन 9419173960
केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं पर वर्धा विश्वविद्यालय में शोधरत है
गांव-राजपुरा,(महादेवजी के मंदिर के पास)
पोस्ट-कानोड़,मो.--08947858202
जिला-उदयपुर. राजस्थान 313604
युवा मलयालम कवि एवं बहुभाषा अनुवादक। मलयालम में दूरम शीर्षक काव्य संग्रह प्रकाशित । कविताओं का हिंदी , अंग्रेजी , तेलुगु एवं ओडिया भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित। इनकी कविताओं का हिंदी अनुवाद जनपथ , अक्षर , दैनिक जनसंदेश टाइम्स , अनुभूति अभिव्यक्ति , अपनी माटी और कविता कोश में प्रकाशित हुई हैं
तकनीकी अधिकारी ,सी आई एफ टी, पाडुरंगापुरम,
आंध्रयूनिवर्सिटी पी ओ विशाखपटणम=530 003
drsantoshalex@gmail.com
(अकादमिक तौर पर डाईट, चित्तौडगढ़ में वरिष्ठ व्याख्याता हैं,आचार्य तुलसी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर ही शोध भी किया है.निम्बाहेडा के छोटे से गाँव बिनोता से निकल कर लगातार नवाचारी वृति के चलते यहाँ तक पहुंचे हैं.वर्तमान में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की चित्तौड़ शाखा के जिलाध्यक्ष है.शैक्षिक अनुसंधानों में विशेष रूचि रही है.'अपनी माटी' वेबपत्रिका के सम्पादक मंडल में बतौर सक्रीय सदस्य संपादन कर रहे हैं.)
मो.नं. 9828608270
मन बहलाने के लिए चित्तौड़ के युवा संस्कृतिकर्मी कह लो.सालों स्पिक मैके नामक सांकृतिक आन्दोलन की राजस्थान इकाई में प्रमुख दायित्व पर रहे.आजकल सभी दायित्वों से मुक्त पढ़ने-लिखने में लगे हैं.वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय,कोटा से हिन्दी में स्नातकोत्तर कर रहे हैं.किसी भी पत्र-पत्रिका में छपे नहीं है.अब तक कोई भी सम्मान.अवार्ड से नवाजे नहीं गए हैं.कुल मिलाकर मामूली आदमी है.
सम्पादकीय और व्यवस्थापकीय पता-
ई-मेल-info@apnimaati.com
वेबसाइट-www.apnimaati.com
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