भोपाल
हमारी नज़र में राजधानी के इर्द-गिर्द ही श्रेष्ठ हो सकता कि भावना से बाहर निकल कर यदि हम कुछ प्रादेशिक हलके पर नज़र डाले तो बहुत से रत्न नज़र आयेंगे.ऐसे ही विकट समय में साहित्य और संस्कृति की पर्याप्त समझ रखने वाली अपनी टीम के साथ विनय जैसे संस्कृतिकर्मी एक पत्रिका के ज़रिये इस वैचारिक आन्दोलन को सालों से गति दे रहे हैं।उनके गहरे काम और तप को कला समय के पाठक ठीक से पहचानते भी हैं।इस पूरे काम में विनय जी के सम्पादन में उनके बहुमुखी फैलाव का दर्शन किया जा सकता है।''
-माणिक
पत्रिका के फेसबुक पृष्ठ से कुछ ज़रूरी जानकारी पाठकों के लिए:
कला और विचार
की द्विमासिक
पत्रिका
कला समीक्षक विनय उपाध्याय |
विगत पंद्रह वर्षों
से.. भोपाल
से प्रकाशित
कला और
विचार की
अनूठी द्विमासिक
पत्रिका | वरिष्ठ कला आलोचक और
मीडिया कर्मी
विनय उपाध्याय
के सुघढ़
संपादन में
अनेक विशेषांको
की दस्तावेजी
प्रस्तुतिओं से देश भर में
सहज स्वीकृत
इस पत्रिका
को माधवराव
सप्रे समाचार
पत्र संग्रहालय
एवं शोध
संस्थान भोपाल
द्वारा श्रेष्ठ
संपादन और
प्रकाशन के
लिए पुरस्कृत
किया जा
चुका है
| भारत के
अनेक सांस्कृतिक
उपक्रमों और
शिक्षण संस्थाओं
द्वारा स्वीकृत
|माधवराव सप्रे समाचार
पत्र संग्रहालय
एवं शोध
संस्थान भोपाल
द्वारा श्रेष्ठ
संपादन और
प्रकाशन के
लिए रामेश्वर
गुरु पुरस्कार
|मध्य प्रदेश के
राज्यपाल डॉ.
बलराम जाखड
के हाथों
कला समय
के संपादक
विनय उपाध्याय
को "अभिनव
शब्द शिल्पी"
का सृजन
सम्मान
29 जनवरी 1997 को भोपाल में
समारोह पूर्वक
कला समय
के प्रवेशांक
का लोकार्पण
| पत्रिका के पाठकीय परिवार में
अनेक मशहूर
संगीतकार, चित्रकार, नर्तक, साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी,
आलोचक, शोधार्थी
और कला
प्रेमी शामिल
हैं | कला और संस्कृति
के क्षेत्र
में हो
रही रचनात्मकता
तथा वैचारिक
स्पंदन का
आत्मीय रेखांकन
|
सम्पादकीय संपर्क
एम्.एक्स.-135,ई-7.अरेरा कोलोनी भोपला-462016
मो-09826392428
vinay.srujan@gmail.com
ग्राहकीय संपर्क
जे-191,मंगल भवन,ई-6,महावीर नगर अरेरा कोलोनी,भोपाल-462016
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सदस्यता राशि (व्यक्तिगत )
वार्षिक-125/-
दी-वार्षिक-250/-
आजीवन-5000/-
संस्थागत के लिए
वार्षिक-150/-
दी-वार्षिक-300/-
आजीवन-6000/-
(मनी आर्डर और ड्राफ्ट कला समय के नाम भेजे जा सकते हैं।)
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