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तालाब ग्रामीण जल संरक्षण एवं विपुल जल भंडारण के स्त्रोत रहे है।


सलुम्बर
जनप्रतिनिधि चाहे तो क्या कुछ नहीं हो सकता। ऐसा ही नजारा पिछले दिनों उदयपुर जिले के सलूम्बर की घटेड़ पंचायत में देखने को मिला। टूटा महुड़ा तालाब पिछले 25-30 सालों से फूटा पड़ा था। हर वर्ष बरखा बरसती, पानी आता पर तालाब फूटा होने से पानी तालाब में ठहर नहीं पाता।तालाब के जीर्णेद्धार हेतु टीएडी की मदद से करीब 62 लाख 57 हजार की स्वीकृति मिलने के बाद इस कार्य का शिलान्यास करते जनप्रतिनिधि के रूप में उदयपुर जिलापरिषद सदस्य डा. विमला भंडारी के साथ धरियावद विधायक नगराज मीणा, सलूम्बर विधायक बसन्ती देवी मीणा और प्रधान शांता मीणा के हाथों यह पुनीत कार्य सम्पन्न हुआ।

प्राचीन काल से ही तालाब ग्रामीण जल संरक्षण एवं विपुल जल भंडारण के स्त्रोत रहे है। अपनी अनोखी भराव क्षमता लिए परिचित ये तालाब कृषि, सिंचाई, पर्यावरण एवं भूजल स्तर में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते रहे है। साथ ही वनस्पति, पशुओं और - पक्षियो, के लिए पेयजल एवं मनुष्य के नहाने-धोने के दैनिक उपयोग की दृष्टि से तालाब ग्राम्य जीवन का अभिन्न अंग रहे है। पानी से लबलबाते छोटे-छोटे तालाब हर आबाद गांव की जरूरत हुआ करते है। किन्तु अफसोस है कि आजादी के कुछ वर्षा बाद यह तालाब भरपूर वर्षा के बाद भी रीते रहने लगे।

उदयपुर जिला परिषद की सदस्या डा. विमला भंडारी का ध्यान इसी बात पर गया। उन्होंने इसका अध्ययन करना शुरू किया। इसी बीच इस कार्य के लिए सर्वे करने आई हुए कोटा की टीम से उनका साक्षात हुआ और ऐसे 10 तालाब चिन्हित हुए जो मरम्मत के अभाव में क्षतिग्रस्त होकर नक्कारा साबित हो रहे थे। इस तरह उन्होंने झरमाल के तालाब के लिए विधायक मद से राशि स्वीकृत करवाई, फिर संजेला का तालाब कोठार के तालाब पर भी एक्शन प्लान बनवाकर जनप्रतिनिधियों के प्रयास स्वरूप  कुछ दिनों पूर्व ही काम प्रारंभ करवाया गया।

टूटा महुड़ा तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य इस कड़ी का चैथा कार्य है। जिसमें मरम्मत के साथ  ही पाल को करीब साढ़े चार मीटर चैड़ा किया जायेगा। जो इस क्षेत्र के लिए उपलब्धी है और साथ ही यह संदेश भी देती है कि सड़क और नाली निर्माण से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम अपने पारम्परिक जल स्त्रोतों की सुध लें तो आने वालों कई सालों तक हम हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रख पायेंगे।डा. भंडारी का कहना है कि इस तालाब की मुख्य पाल से जल रिसाव के कारण बारिश का पानी संचय नहीं हो पा रहा था पर अब आधा दर्जन से अधिक गांव इस जल भंडारण से लाभाविंत होंगे।  टीएडी के मद से इस कार्य हेतु जनजाति मंत्री महेन्द्रजीत मालवीया ने हाथों हाथ राशि स्वीकृत करते हुए विमला भंडारी के काम करने के कौशल की सराहना करते हुए प्रशंसा की।

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