विश्वविद्यालय में व्याख्यान,पूर्व छात्र
मिलन तथा
सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
भोपाल, 7 अप्रैल। संघ
लोकसेवा आयोग
के अध्यक्ष
प्रो. देवप्रकाश
अग्रवाल का
कहना है
कि सोशल
मीडिया के
बढ़ते प्रभावों
के मद्देनजर
इसके सही
इस्तेमाल की
जरूरत है
ताकि यह
बेहद प्रभावकारी
माध्यम गलत
तत्वों के
हाथ में
पड़कर सामाजिक
अशांति का
कारण न
बन जाए।वे यहां माखनलाल
चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय,
भोपाल में
आयोजित माखनलाल
चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यान को संबोधित
कर रहे
थे। रवींद्र
भवन में
आयोजित व्याख्यान
का विषय
था ‘सोशल
मीडिया और
लोकतंत्र’।
उन्होंने कहा
कि किसी
भी माध्यम
की मर्यादाएं
जरूरी हैं
ताकि वह
आतंकियों, समाजतोड़कों के हाथ में
न पड़
सके। उनका
कहना था
कि सोशल
मीडिया शिक्षा,
परिवार, समाज,
सरकार सारे
सरोकारों को
प्रभावित कर
रहा है।
उसकी यह
ताकत लोकतंत्र
को मजबूत
तो कर
रही है
पर हमें
इसके खतरों
का भी
ख्याल रखना
होगा।
उन्होंने कहा कि
सोशल मीडिया
ने आम
आदमी को
आवाज दी
है और
परंपरागत माध्यमों
से अलग
उसने एक
नए तरीके
से दुतरफा
और चौतरफा
संवाद को
संभव बनाया
है। इसने
हमारी भाषा
और जीवन
सबमें एक
जगह बनानी
शुरू कर
दी है।
सोशल मीडिया
में कोई
रोक- टोक
न होना
और किसी
स्तर पर
इसका संपादन
न होना
इसे खतरे
की ओर
ढकेलता है।
आज भी
हिंदुस्तान जैसे देश में यह
सामूहिक आवाजों
का माध्यम
नहीं है,
क्योंकि बहुत
कम लोग
इसका इस्तेमाल
कर रहे
हैं, भले
इसकी गूंज
बहुत ज्यादा
हो। श्री
अग्रवाल ने
कहा कि
युवाओं के
सवाल, उनके
मुद्दे और
भाषा अलग
है और
यही वर्ग
इस माध्यम
पर ज्यादा
सक्रिय है।
लोकतंत्र देता है
फैसलों की
ताकतः इसके
पूर्व भारतीय
प्रबंध संस्थान,
इंदौर के
निदेशक प्रो.
एन.रविचंद्रन
ने कहा
कि लोकतंत्र
हमें फैसले
लेने की
ताकत देता
है। यह
आम आदमी
को आवाज
देता है,
ऐसे में
सोशल मीडिया
का आना
इस ताकत
को और
बढ़ा देता
है। मीडिया
के चलते
ही आज
कारगिल युद्ध
के बाद
सेना के
प्रति एक
सम्मान का
भाव जगा
तथा लोग
सेना की
नौकरी को
एक आदर
से देखने
लगे हैं।
इसी तरह
भ्रष्टाचार के खिलाफ मीडिया के
जागरण का
ही परिणाम
है कि
अन्ना हजारे
की तुलना
गांधी से
की जाने
लगी। कामनवेल्थ
खेलों से
लेकर टूजी
घोटाले के
सवाल आम
आदमी के
मुद्दे बने
यह मीडिया
के चलते
ही संभव
हुआ। सार्वजनिक
जीवन में
पारदर्शिता का सवाल आज लोगों
तक पहुंचा
तो इसके
पीछे सोशल
मीडिया की
एक बड़ी
ताकत है।
उनका कहना
था कि
एक जीवंत
लोकतंत्र के
लिए एक
सक्रिय मीडिया
जरूरी है।
राय बनाने में
अहम रोलः
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि प्रदेश के
पुलिस महानिदेशक
नंदन दुबे
ने कहा
कि मीडिया
का लोगों
की राय
बनाने में
एक अहम
रोल है।
लोकतंत्र शासन
चलाने का
सबसे बेहतर
तरीका है।
मीडिया आज
बहुत सारी
चीजों को
बनाने बिगाड़ने
में एक
बड़ी भूमिका
अदा कर
रहा है।
ऐसे में
अगर मीडिया
ईमानदार और
प्रतिबद्ध हो तो वह लोकतंत्र
को मजबूत
करने में
एक बड़ी
भूमिका निभा
सकता है।
विचारों का लोकतंत्रः
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे
कुलपति प्रो.
बृजकिशोर कुठियाला
ने कहा
कि सोशल
मीडिया ने
वास्तव में
वसुधैव कुटुम्बकम
की अवधारणा
को साकार
कर दिया
है। इससे
पार्टनरशिप बन रही है, संवाद
बन रहा
है और
फिर संबंध
बन रहे
हैं। परंपरागत
मीडिया में
जहां संवाद
नियंत्रित था और कुछ ही
लोग यह
तय कर
रहे थे
कि क्या
पढ़ना है
और किन
सवालों पर
बात होनी
है, वहीं
सोशल मीडिया
ने आम
आदमी को
ताकत दी
है। इसने
जाति, भाषा,
भूगोल और
सांस्कृतिक बंधनों को तोड़कर एक
वैश्विक संवाद
की परंपरा
की शुरूआत
की है।
लोकतंत्र चुनावों
तक सीमित
नहीं है
,यहां विचारों
का भी
लोकतंत्र होना
चाहिए। सोशल
मीडिया ने
इसे संभव
कर दिखाया
है। इससे
पूरी मानवता
एक सूत्र
में जुड़ती
हुयी दिखने
लगी है।
सत्र का संचालन
प्रो. आशीष
जोशी और
आभार प्रदर्शन
प्रो. रामदेव
भारद्वाज ने
किया। कार्यक्रम
में पत्रकार
रमेश शर्मा,
रामभुवन सिंह
कुशवाह, कैलाश
चंद्र पंत,
सुरेश शर्मा,
दीपक शर्मा,
इंडिया टुडे
के पूर्व
कार्यकारी संपादक जगदीश उपासने, डा.
रामजी त्रिपाठी,
प्रो.बीएस
निगम, संदीप
भट्ट, डा.
अरूण भगत,
रजनी नागपाल,
सूर्यप्रकाश, प्रो. सीपी अग्रवाल, रजिस्ट्रार
चंदर सोनाने
सहित अनेक
लोग उपस्थित
रहे।
पूर्व छात्रों सम्मेलन
में विविध
मुद्दों पर
चर्चाः कार्यक्रम
के दूसरे
सत्र में
आयोजित पूर्व
छात्र मिलन
में मीडिया,
जनसंचार और
आईटी से
जुड़े पूर्व
छात्रों ने
अपने अनुभव
सुनाए और
कई सुझाव
भी दिए।
इस सत्र
में वरिष्ठ
पत्रकार दीपक
तिवारी, अजयप्रकाश
उपाध्याय, सिद्धार्थ मुखर्जी, जाली जैन,
अजीत सिंह,
चंदन गोयल,
धर्मेंद्र सिंह भदौरिया, अभय प्रधान,
सत्यप्रकाश, प्रियंका दुबे, आलोक मिश्र,
गणेश मालवीय,
राजकमल, मनीष
सिंह, श्रीकांत
त्रिवेदी ने
भी अपने
विचार व्यक्त
किए।सायं के सत्र
में विद्याथियों
ने सांस्कृतिक
प्रस्तुतियां दीं तथा प्रतिभा के
वार्षिक आयोजन
में विजेता
छात्र-छात्राओं
को पुरस्कृत
भी किया
गया।
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