- आज कल के चेले सीधे कंधे पर हाथ धरते हैं
- नयी व्यवस्था की स्थापना के लिए अहिंसा एकमात्र अचूक रास्ता है
- अम्बेडकर के चिंतन की आज के समाज को कितनी ज़रूरत?
- डॉ. कनक जैन से माणिक की लम्बी बातचीत
- डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल की ग़ज़लों में जीवन
- डॉ.रत्ना वर्मा की तरफ से किताबें नि:शुल्क
- स्त्री विमर्श की आंधी के बीच गीताश्री
- प्रकाश खत्री के कुछ कवितानुमा विचार/अनुभव-2
- सामाजिक चेतना की युगाभिव्यक्ति है रामधारीसिंह ‘दिनकर’
- डॉ. यशवंत कोठारी का उपन्यास 'वसंतसेना'
- डॉ.पुरुषोत्तम अग्रवाल का रेखाचित्र Cum संस्मरण:गोधा जी की केन्टीन
- फेसबुकी विमर्श:वैचारिकता भरे या कि फिर गरिष्ठ सामग्री प्रधान ब्लॉग चलाने के मायने
- भाषा के मुद्दे पर संजीव निगम का कविताना हस्तक्षेप
- ब्लॉग्गिंग में देशी घी परोसने वाली युवा पौध
- नाटक की सार्थकता तभी है जब उसमें आम आदमी को अपनी अभिव्यक्ति दिखे
- अंगप्रदेश के सांस्कृतिक इतिहास को रेखांकित करती हुई पुस्तक ‘अमृत देश: अंगप्रदेश’
- लोक चेतना का राष्ट्रीय मासिक 'सबलोग'
- ढ़र्रे से विलग लघु पत्रिका 'संवेद'
- आज के कथा लेखन में स्त्री चेतना के उदात्त चित्रण की कसक देखी जा सकतीं है
- महावीर जन्मोत्सव के बहाने आओ अन्दर देखें
- डॉ.रेखा सेठी की नई किताब 'विज्ञापन डॉट कॉम'
- 'अपनी माटी' वेबपत्रिका का परिंडे बांधो अभियान
- लोकेश नशीने "नदीश" के नई ग़ज़लें
- प्रकाश खत्री के कुछ कवितानुमा विचार/अनुभव
- विश्व पुस्तक मेले का सच बयानती अनंत विजय की डायरी
- अनंत विजय की डायरी में जस्टिस मार्केंडेय काटजू के बयान
- मोहन श्रोत्रिय जी की आज के दौर की पड़ताल करती कवितायेँ
- आखिर क्या है दुर्गा बाबू की इस किताब में?
- युवा फिल्म समीक्षक मिहिर पंड्या की किताब 'शहर और सिनेमा वाया दिल्ली '
- युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार की पहली किताब
- फेसबुकी विमर्श:कथाकार के इर्द-गिर्द हुंकारी भरने वाला कोई है भी या नहीं
- हिन्दुस्तान प्रजातंत्र समाजवादी सभा का घोषणापत्र
- समाज की विकृतियों को सृजन के द्वारा मिटाना चाहती थी महादेवी वर्मा
- चार दशकों की साहित्यिक हलचलों का ज़रूरी दस्तावेज़ 'हमसफरनामा'
- '' कहानी सर्वप्रथम एक कलाकृति है उसके बाद और कुछ''-पल्लव
- देवेंद्र ने अपनी लाचारी और मजबूरी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया
- होसलों की उड़ान:बजरंग लाल ताखर
- प्रकाश खत्री की एक मुस्त कवितायेँ
- जहां पाश रात भर लालटेन जला कर कविताएँ लिखते थे !
- असल में यह कविता नाच के बारे में नहीं नाच देखने के बारे में है-आशुतोष कुमार
- संदीप कुमार उर्फ़ माया मृग की नई कवितायेँ
- रायपुर के बहाने:-हर शहर को चाहिए एक अदद प्रेक्षाग्रह
- फेसबुकी विमर्श:छोटे-से स्टेटस में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं अशोक ने
- जनोत्सव अभियान:छोटी शुरुआत के मायने
- तमाम जद्दोजहद के बीच नैतिकता-अनैतिकता
- समकालीन भारतीय चित्रकला:हुसैन के बहाने
- वह भी कोई देस है महराज : अनिल यादव
- इन कविताओं को पढ़ना कोयला खादानों से जुड़े अंचलों और उससे दो-चार होना है।
- प्रेमचंद गोश्वामी का काम नए मूल्यों की शुरुआत और उसे गति देने के संदर्भ में भी स्मरणीय
- सपना जिसे फलीभूत होते देखने पहले ही गुज़र गए मार्क्स
- फेसबुकी विमर्श:नन्द जी की ऐसी स्थापनाएं कतिपय साहित्यिकों को नागवार भी गुजरीं हैं
- ’’सासू भलरक जायो ये निकल गई गणगौर, मोल्यो मोड़ों आयो रे’’
- डा.राजेंद्र तेला 'निरंतर' की चंद रचनाएं
- किशोर चौधरी की कवितायेँ कचोटती है
- आयोजन रपट:मेरी स्मृति में रेगिस्तान
- संस्कृति किसी भी राष्ट्र की उत्कृष्टतम निधि होती है ।
- रामकिशोर पंवार ''रोंढ़ावाला ’’ की कहानी वह कौन थी..?
- कुछ शब्द,शब्दकोश में ही क्यों रह गए हैं?
- हिन्दी साहित्य में एक प्रख्यात नाम है विष्णु प्रभाकर
- सुशीला शिवराण की रचना
- साहित्य एवं कला भारतीय संस्कृति के दो अन्य महत्वपूर्ण आधारस्तम्भ हैं।
- हिन्दी कविता को सबसे अलग व नई ऊर्जा से संपृक्त करते निराला
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला के हाइकू गीत
- रवि शंकर शर्मा उर्फ़ रवि :अपनी जगह खोज लेना आसान काम नहीं था
- राजस्थान का शेखावाटी ईलाका:होली के सन्दर्भ में
- मालवा में होली;तहजीब और समजदारी को तेवार
- '' हर सच्ची कविता असमानता और शोषण का विरोध करती है।''-डॉ.सुधा उपाध्याय
- महाराज शिवदान सिंह 'कारोही' के कुछ दोहे
- लोकेश नशीने "नदीश" के दो गीत
- फोटो रपट:-चित्तौड़गढ़ में संभावना की संगोष्ठी
- इतिहास के आईने में भूदान आन्दोलन
- हमारे कैसे लोहू, तुम्हारे कैसे दूध, तुम कैसे ब्राह्मन पांडे, हम कैसे सूद ।।
- साहित्य और संस्कृति की एक संस्था 'संभावना'
- 'होली का प्राचीन संदर्भ' By डॉ.यशवंत कोठारी
- ''प्रतिरोध का सिनेमा एक जरूरी और बड़ा अभियान''-प्रो. मैनेजर पांडेय
- डा. मनोज श्रीवास्तव का व्यंग्य :-डुप्लीकेट होने के फ़ायदे
- चित्तौड़गढ़ में मीडियाकर्मी साथी
- ''जैनेन्द्र का कथा-साहित्य भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का संवाहक रहा है । ''-डॉ.राजेन्द्र कुमार सिंघवी
- सामाजिक समस्याओं का समाधान: अनेकांतवाद
- चित्तौड़गढ़ में श्रोता-दर्शक-पाठक-लेखक
- मेरा कबीर:प्रो.पुरुषोत्तम अग्रवाल
- ''सेठ तो नाममात्र के हैं,अद्भुत हिम्मती जरूर हैं हिम्मत सेठ। ''-सुरेश पण्डित
- लोकेश नशीने "नदीश" का नव गीत
सलाहकार समूह(संरक्षक)
- कवि और समालोचक डॉ. सत्यनारायण व्यास,चित्तौड़गढ़
- हिंदी और राजस्थानी कवि नन्द भारद्वाज
- शिक्षाविद डॉ. ए.एल.जैन,चित्तौड़गढ़
- शिक्षाविद डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल,जयपुर
- 'कुरजां' पत्रिका सम्पादक प्रेमचंद गांधी,जयपुर
- 'सृजनगाथा' वेबपत्रिका सम्पादक और कवि जयप्रकाश मानस
- नई दिल्ली-जे.एन.यू. शोधार्थी ,लेखक पुखराज जांगिड़
- बिहार-लेखक और संस्कर्तिकर्मी अरविंद श्रीवास्तव
- वर्धा-शोधार्थी कालु लाल कुलमी
- लखनऊ-कवि,लेखक और संस्कर्तिकर्मी कौशल किशोर
- जम्मू-वरिष्ठ कवि शैलेन्द्र चौहान
- सम्पादन मंडल सदस्य साथी-संतोष अलेक्स
- डॉ. राजेन्द्र सिंघवी,युवा शिक्षाविद,चित्तौड़गढ़
युवा उपन्यासकार और कवि अशोक जमनानी,होशंगाबाद
राजस्थानी भाषा सम्पादक
राजस्थानी गीतकार जयसिंह राजपुरोहित,चित्तौड़गढ़
सम्पादकीय और व्यवस्थापकीय पता-
ई-मेल-info@apnimaati.com
वेबसाइट-www.apnimaati.com
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