१८ अप्रैल, २०१२
को जो
कविता पाठ
है उसीके
बारे में
बता रहा
हूँ| प्रताप
राव कदम
के साहित्यिक
अवदान पर मदन कश्यप समीक्षात्मक टिपण्णी
करेंगे|
लीलाधर मंडलोई युवा कवि अशोक
कुमार पाण्डेय
की कविता
पर बोलेंगे
| मनोज कुमार
सिंह, महेंद्र
सिंह बेनीवाल,
संजीव कौशल,
जसवीर त्यागी
और बली
सिंह
के रचना संसार का परिचय
मिथिलेश श्रीवास्तव
देंगे| प्रताप
राव कदम
और अशोक
कुमार पाण्डेय
को यह
बात अच्छी
लगी कि
उनके रचना
संसार के
बारे में
मदन कश्यप
और लीलाधर
मंडलोई बोलेंगे|
इस बात
को लेकर
तमाम लोग
उत्साहित हैं
कि लिखावट
फिर से
अपनी पुरानी
गति को
पा लिया
है| कुछ
वर्षों कि
निष्क्रियता या कहें कि कम
सक्रियता के
अपने मंद
दुआर से
बाहर आ
गया है|
लिखावट के
कुछ कार्यक्रम
मसलन 'घर
घर कविता'
और 'कैम्पस
में कविता'
काफी लोकप्रिय
और चर्चित
रहे हैं|
ऐसे कार्यक्रम
ईधर लगातार
हो रहे
है|
लिखावट आखिर है
क्या? लिखावट दरअसल
लेखकों का
एक समूह
है जो
लेखकों के
रचनात्मक सहयोग
से चलता
है| लेखकों
के समूह
को फिल्म
और रंगमंच
समीक्षक अजित
राय
मित्र मंडली कहकर संबोधित करते
हैं| यह
मित्र मंडली
पिछले २३
सालों से
कविता और
विचार को
लेकर लिखावट
के माध्यम
से सक्रिय
है| कविता
और कविता
पाठ को
हमेंसा महत्वा
दिया है|
लिखावट ने
पहला कार्यक्रम
६ जनवरी,
१९८९ को
घर घर
कविता के
रूप में
आयोजित किया
था जिसमें
हमारे समय
के सबसे
बड़े और
महान कवि
रघुवीर सहाय
का एकल
कविता पाठ
हुआ| छोटी
सी जगह
थी
और तमाम लोग थे|
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