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मान्धाता ओझा को श्रद्धांजलि


नई दिल्ली. सुप्रसिद्ध नाट्य आलोचक और हिन्दू कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. मान्धाता ओझा के असामयिक निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. गत २७ दिसंबर को संक्षिप्त बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था. वे केंसर से पीड़ित थे. हिन्दू कालेज के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में ओझा के शिष्य और विभाग के वरिष्ठतम आचार्य डॉ. हरीश नवल ने ओझा के व्यक्तित्त्व और नाट्यलोचन के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ओझा बेहद सरल स्वभाव के धनी और अत्यंत विनम्र अध्यापक थे. डॉ. नवल ने अपने कई व्यक्तिगत प्रसंगों की चर्चा कर ओझा को याद किया. उन्होंने कहा कि हिन्दू कालेज के हिन्दी विभाग की प्रतिष्ठा बढाने वाले आचार्य के रूप में उन्हें भूला नहीं जा सकता. 

विभाग के सह आचार्य डॉ. रामेश्वर राय ने कहा कि ओझा जैसे अध्यापक अब विरल ही हैं. उन्होंने  कहा कि विषय ज्ञान और अध्यापन के प्रति अनन्य निष्ठा ओझा को बड़ा अध्यापक बनाती है. विभाग के प्रभारी डॉ. हरीन्द्र कुमार ने ओझा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के प्रति अत्यंत उदारमन वाले ऐसे अध्यापक को भूलना असम्भव है. उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के कुछ संस्मरण भी सुनाये. श्रद्धांजलि सभा में हिन्दू कालेज के डॉ. रचना सिंह, डॉ. पल्लव एवं भगत सिंह कालेज के डॉ. प्रवीण कुमार सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे. अंत में उनकी स्मृति में दो मिनिट का मौन रखा गया.

डॉ. हरीन्द्र कुमार (प्रभारी ,हिन्दी विभाग ,हिन्दू कालेज ,दिल्ली )

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