सम्पादक की कलम से on September 04, 2010 ये भी ज़रूर पढ़िएगा अपनी कहानी-5 आधी दुनिया के हालात पर मेरी कवितानुमा अभिव्यक्ति:-''औरत'' गायन की एक विरासत कविता-''बुनियादी अन्याय '' कविता''धुंधली यादों से'' कविता''कुछ तो पीछे छूट गया है'' (लम्बी कविता)''बदल गया है वक़्त कितना'' कविता :फुरसत के पल मेड़ पर नर्मदा नदी के शहर होशंगाबाद से मेरा परिचय बुढाती लोक संस्कृति का उर्जावान गुरु स्पिक मैके के अशोक जैन से माणिक की बातचीत कविता -''बदलते समीकरण '' ( व्यंग्य )आदमी की जात अब समझदार हो गई है ''काव्योत्सव'';-अब तक का सफ़र (कविता) -वसीयत सादरसम्पादकअपनी माटी(कला,साहित्य,रंगकर्म,सिनेमा,समाज,संगीत,पर्यावरण से जुड़े लेख,बातचीत,समाचार,फोटो,साहित्यिक रचनाएँ,रपट हेतु एक साझा मंच)17,Shivlok Colony,Sangam Marg, Chittorgarh-312001,RajasthanCell:-9460711896,9351278266(SMS),http://apnimaati.com Comments
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