ये हमारे घर का फोटो है जिसे देख कर याद ताज़ा हो रही है. |
लगभग एक महीने बाद मैं और बेटा दिलीप अपने शहर चित्तौड़ पांच अक्टूबर को पहुंचेंगे . एक महीने से हम अपनी इस कलाकारी के चलते मध्य प्रदेश के चार प्रमुख शहरों में कार्यशालाओं के ज़रिए चित्रकारी सीखा रहे थे. शुरुआत से लेकर होशंगाबाद,भोपाल,झांसी और अंत में ग्वालियर में दिन बीते. यहाँ के लोगों का स्नेह और प्यार नहीं भूल पायेंगे . बहुत आनंद के साथ यहाँ रहे. अब घर की बहुत याद आ रही है. वहाँ नवरात्री में रह कर कुछ वक्त घर वालों के साथ बिताएंगे.पता नहीं कब फिर बाहर जाना पड़े.
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