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29 अप्रेल से 7 मई तक कोटा में

सभी पाठक साथियों को हमारा नमस्ते.
अजी हम तो इंटरनेट की ज्यादा जानकारी रखते नहीं.कम पढ़े लिखे हैं लेकिन अपनी  खोज खबर इस ब्लॉग के ज़रिये दुनिया को देते रहते हैं. क्यों कि  मीडिया में तो आई .पी.एल.,और फ़िल्मी सितारे रहते हैं. पुरानी परम्पराएं और कलाकारों को कौन पूछे.फड  पेंटिंग के ज़रिये गुज़र बसर हो रहा है बस.पिछले दिनों से लगातार बना रहा भक्तिमती मीरा पर बनी फड  को १९ अप्रेल को आकाशवाणी ,चित्तौडगढ के कार्यालय  में लगा आया.ये मेरी हाथ की बनी हुयी दूसरी मीरा फड  है.पहली तो चित्तौड़  के ही मीरा महोत्सव  के दौरान प्रदर्शित हुयी थी.कुछ समय से सहर में गणगौर बनाने में भी थोड़ा व्यस्त था. ये हमारा पुराना काम है.शादी-ब्याह पर घरों के बाहर हाथी-घोड़े बनाना भी इसी का हिस्सा हैं.

कुछ लोग अभी भी इन पुराने कलाओं को लेकर साथ डे रहें हैं.तो सफ़र जारी है.वैसे एक कार्यशाला के लिए मुझे स्पिक मैके द्वारा कोटा में अन्ता जाना है.समय समय पर लोग याद करते रहेंगे तो हम भी ये काम भूलेंगे नहीं  वरना भगवान् ही मालिक है.
फिलहाल लिखना बंद करता हूँ.
नमस्ते

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