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प्रेस विज्ञप्ति:कलापिनी के भजनों में कबीर और मीरा हुए साकार

प्रेस विज्ञप्ति
कलापिनी के भजनों में कबीर और मीरा हुए साकार
सांवरिया म्हारे आज रंगीली गणगौर ने मन मोहा 
चित्तौड़गढ़ 14 अप्रैल 2015

गायन में हम कोशिश करते हैं कि जो रचनाकार ने लिखा है उसे स्वर देते हुए असल मंतव्य तक पहुँच बना सके। एक कलाकार की महारथ इसी में है कि शब्दों को एक अनुभव या संगत में ढालते हुए श्रोता को आनंद प्रदान कर सके। संगीत जीवन को आनंददायी बना दे और क्या चाहिए। मेरा सौभाग्य है कि मैं सामाजिक जागरूकता की प्रतीक और प्रख्यात कवयित्री मीरा की धरती पर अपनी प्रस्तुति दे रही हूँ। मेरा बचपन मुझे लगातार कबीर के करीब ले जाता रहा। अपने गुरु और पिता पंडित कुमार गन्धर्व की विरासत को युवा पीढ़ी तक ले जाने के रास्ते मैं अपनी भरसक कोशिश कर रही हूँ।विद्यार्थियों के बीच शास्त्रीय संगीत और गायन को लेकर अब स्थितियां बहुत तेज़ी से बदल रही है जो अच्छा संकेत है।अब लोग सुनने लगे हैं चर्चा करते हैं।मैं अपनी इस समावेशी संस्कृति को लेकर बहुत हद तक आश्वस्त हूँ

यह विचार प्रख्यात शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली ने स्पिक मैके उत्सव के दौरान मंगलवार शाम सैनिक स्कूल में आयोजित एक प्रस्तुति के दौरान बांटे। कार्यक्रम के आरम्भ में चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर वेद प्रकाश, सैनिक स्कूल प्राचार्य, हेडमास्टर लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक झा,मीरा स्मृति संस्थान के सचिव प्रो. सत्यनारायण समदानी, रजिस्ट्रार मेजर संजय चौधरी और स्पिक मैके सचिव सांवर जाट ने दीप प्रज्ज्वलन किया। अतिथि कलाकारों का अभिनन्दन स्पिक मैके अध्यक्ष डॉ. खुशवंत सिंह कंग, युवा चित्रकार मुकेश शर्मा, अध्यापक ज्ञानेश्वर सिंह ने किया

ग्वालियर घराने और मालवा अंचल की खुशबू से सराबोर गायकी से कलापिनी कोमकली ने शिव स्तुति से अपनी गायन की शुरुआत की। बाद में उन्होंने मध्यकालीन कवि और समाज सुधारक कबीर के तीन भजन सुनाए जिनमें झीनी-झीनी चदरिया, कुदरत की गत न्यारी और योगी शामिल थे। समापन करते हुए जब उन्होंने मीरा का लिखा भजन सांवरियां म्हारे आज रंगीली गणगौर गाया तो पूरा सभागार झूम उठा। संगतकार के रूप में तबला वादक रामेन्द्र सिंह सोलंकी और हारमोनियम वादक अनूप पुरोहित ने साथ दिया। प्रस्तुति के बाद कोमकली ने श्रोताओं के साथ हुए संवाद में अपनी संगीत यात्रा के अनुभव सुनाए।चर्चा में हिंदी प्राध्यापक डॉ.राजेश चौधरी सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया जहां समारोह का संचालन राज्य समन्वयक माणिक ने किया वहीं कलाकारों का परिचय चित्तौड़ कॉलेज के निदेशक विनय शर्मा ने पढ़ा। आयोजन के सूत्रधार कोषाध्यक्ष भगवती लाल सालवी राज्य सचिव अनिरुद्ध थे

प्रस्तुति में चार सौ स्कूली विद्यार्थियों सहित नगर के कई संगीत रसिकों ने प्रतिभागिता निभाई जिनमें सर्वा शिक्षा अभियान के हेमेन्द्र सोनी, कट्स समन्वयक गौहर, अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन के मोहम्मद उमर, हिंदी प्रशिक्षक जितेन्द्र यादव, स्पिक मैके सलाहकार मुन्ना लाल डाकोत, अपनी माटी सचिव डालर सोनी, राज्य कोर समूह सदस्य जे.पी.भटनागर, कॉलेज व्याख्याता डॉ. सुमित्रा चौधरी, अध्यापिका अमृता वैष्णव, चन्दा शर्मा, तरुण लोट, रुखसाना बानो, भावना शर्मा, कृष्णा सिन्हा शामिल थे।स्पिक मैके उत्सव का आगला आयोजन बस्सी फोर्ट पैलेस और सेन्ट्रल अकादमी स्कूल प्रबंधन के सहयोग से सत्रह अप्रैल सुबह नौ बजे सेन्ट्रल अकादमी स्कूल में होगा जहां प्रसिद्द बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार अपनी प्रस्तुति देंगे

सांवर जाट,सचिव,स्पिक मैके चित्तौड़गढ़

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