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प्रौढों व युवाओं की शिक्षा व विकास के सूत्रघार थे अनिल बोर्दिया


    उदयपुर 9 सित.
 साक्षरता दिवस पर उदयपुर के स्वैच्छिक शैक्षिक जगत के सारथी लोकजुम्बिश व शिक्षा के अधिकार के सूत्रधार पद्मभूशण अनिल बोर्दिया को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का आयोजन विद्या भवन, सेवामंदिर, डॉ मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के साझे में किया जिसमें नगर के प्रमुख नागरिकों व स्वैच्छिक संगठनो ने स्व.बोर्दिया को याद किया। अनिल बोर्दिया की विद्याभवन में प्रारम्भिक अघ्ययन का स्मरण करते हुए विद्याभवन के अघ्यक्ष रियाज तहसीन ने कहा कि बोर्दिया ने देश के सर्वोच्च शिक्षा अधिकारी के रुप में शिक्षा  के सार्वजनीकरण एवं स्वावलम्बन व मूल्य आधारित शिक्षा का सूत्रपात किया। तहसीन ने आगे कहा कि आमजन के शैक्षिक  व विकास पर पकड़ के कारण उन्हें नेल्सन मण्डेला ने दक्षिणी अफ्रीका की शिक्षा नीति बनाने का दायित्व सौंपा। उदयपुर को इस बात का गर्व रहेगा कि देश ही नहीं वरन विदेशी शिक्षा नीति बनाने का दायित्व यहां के नागरिक ने किया।

सेवामंदिर के अध्यक्ष अजयमेहता नेकहा कि सबकी शिक्षा सबका विकास सिद्धांत में अनिल बोर्दिया का विश्वास था। मानवीय मूल्यों के साथ शिक्षा व ज्ञान के व्यापक प्रचार प्रसार व प्रभावी स्थापना में स्वैच्छिक व नागरिक जगत को साथ लेकर दूरदृष्टियुक्त उच्च प्रशाशनिक दक्षता का उदाहरण प्रस्तुत किया ।गांधीवादी चिंतक किशोर संत ने बोर्दिया को अग्रणी व व्यवहारिक सोच का धनी बताते हुए कहा कि प्रौढ शिक्षा एवं विकास के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है।शिक्षाविद् कैलाशबिहारी वाजपेयी एवं शिक्षक नेता भंवरसेठ ने कहा कि शिक्षा-षिक्षक-शिक्षार्थी के सम्मान,विकास व ज्ञान की अलख को गांव और ढाणियों में पहुंचाने में बोर्दिया जीवन भर लगे रहे। प्रौढशिक्षाकर्मी सुशीला  दशोरा  व शांति लाल भण्डारी ने उन्हें सरल सहज व प्रौढषिक्षानिष्ठ व्यक्तित्व धनी बताया। हेमराज भाटी ने कहा कि प्रौढों व युवाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए बोर्दिया ने प्रशासनिक सीमाओं से परे जाकर आमजन के हित में कार्य किया। 

डॉ मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय एस मेहता ने बोर्दिया के निधन को वैश्विक  क्षति बताया। मेहता ने कहा कि यूनेस्को द्वारा बोर्दिया को दिया गया ऐवीसेना मेडल भारत के लिए गौरव का विषय  रहेगा। स्व. अनिल बोर्दिया के लधुभ्राता प्रसिद्ध हृदयरोग विषेशज्ञ अरुण बोर्दिया ने उन्हें गरीबों व निरक्षरों का हितैशी व शुभचिंतक बताया। सेवामंदिर की मुख्य संचालक प्रिंयकासिंह ने कहा कि बोर्दिया परस्पर विपरीत विचारोंको सहजता से स्वीकार करते हुए प्रभावी व सषक्त विकल्प प्रस्तुत करते थे। श्ऱद्धांजलि सभा में अतिरिक्त मुख्य सचिव अदिति मेहता,आस्था के भंवरसिंह चंदाणा, अश्विनी पालीवाल, शिक्षाविद ए बी फाटक, प्रो. एम पी शर्मा, वेददान सुधीर,अनिल मेहता, एस पी गौड़, नारायण आमेटा, हरीष कपूरिया सहित प्रमुख गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धाजलि सभा का संयोजन करते हुए ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोरशर्मा ने स्व. अनिल बोर्दिया का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। आटले बंधुओं ने सर्वधर्म प्रार्थना एवं भजन प्रस्तुत किये।


अनिलमेहता

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