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Player Sandeep Repswal

संदीप कुमार रेपस्वाल आगामी वर्ष लंदन में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारत की और से भाग लेगा। दक्षिण कोरिया के चुंगजू फुजियन शहर में रविवार को सम्पन्न हुये क्वालीफाई मैच में संदीप कुमार ने मंजीत सिंह के साथ मिलकर नौकायान प्रतियोगिता के लाईट वेट डबल स्केल में जीत कर ओलम्पिक में जाने का टिकट हासिल कर लिया है। 

जहां तक नजर जायें वहीं दूर-दूर तक छाई बालुई मिटï्टी वाले रेगिस्तानी ईलाके में जन्में एक युवक को ऐसा जुनून छाया कि उसने नौकायान खेल में समंदर पर जीत हासिल कर पताका फहरायी। नदी,नालों,समुद्र से कोसों दूर रहने वाले इस नोजवान को क्या पता था कि तैराकी से उसका इतना गहरा रिश्ता हो जाएगा कि उसकी मंजिल के आगे दुनिया के समंदर भी कम पड़ जाएंगे। स्वीमिंग पूल ही क्या नदियां भी छोटे पडऩ़े लगी जब सामने लक्ष्य समुद्र था। राजस्थान में रेतीले धोरों के बीच बसे झुंझुंनू जिले के गुढ़ागौडज़ी गांव की छोटी सी ढाणी में जन्में, पले, बढ़े संदीप रेपस्वाल के खाते में जैसे-जैसे कामयाबियां आती गयी  उसका मकसद उतना ही बड़ा होता गया है। 

पूने में भारतीय सेना की 22 ग्रिनेडियर में हवलदार पद पर कार्यरत संदीप कुमार 2006 में सेना में भर्ती हुआ था। सेना में भर्ती होने के एक वर्ष बाद ही संदीप ने सेना की और से नौकायन खेल में भाग लेना शुरू कर दिया तथा जल्द ही उसने खुद को नौकायन का एक कुशल खिलाड़ी बना लिया। फिर उसने कभी पीछे मुडकऱ नहीं देखा और नौकायान में पदक जीतने की राह पकड़ ली। 

अपनी लगन व खेल प्रतिभा के बल पर संदीप का चयन नवंबर 2009 में चीन में आयोजित एशियन नौकायन चैंपियनशिप में हो गया जहां उसने रजत पदक प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया। इस जीत ने संदीप के इरादों को और अधिक बुलंद किया व वह निरंतर अभ्यास करता रहा फलस्वरूप फरवरी 2011 में रांची में आयोजित राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में 1500 मीटर नौकायन व 500 मीटर नौकायन में दो गोल्ड मेडल जीते। कामयाबी के रास्ते पर बढ़ते हुए संदीप ने दक्षिण  कोरिया में आयोजित 14वीं एशियन नौकायन प्रतियोगिता के चार स्केल व आठ स्केल में दो  रजत पदक जीत कर देश का नाम तो रोशन किया ही साथ ही अपने बुलंद इरादें भी जता दिये कि उसका लक्ष्य अभी और आगे जाने का है।

संदीप का कहना है कि उसक सपना भी समुद्र के जितना ही बड़ा है। राजस्थान में सीकर जिले के रहनेवाले ऐशियन गोल्ड मेडलिस्ट व अर्जुन पुरस्कार विजेता नौकायान खिलाड़ी बजरंगलाल ताखर को अपना आदर्श मानते हैं तथा कहते हैं कि ताखर व सेना के अधिकारियों के प्रोत्साहन व सहयोग की बदोलत ही वह इस मुकाम पर पहुंच पाया है। संदीप ने कहा कि उसका लक्ष्य ओलंपिक प्रतियोगिता में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाना है। 

लंदन में होने वाले आगामी ओलम्पिक खेलों में चयन के लिये दक्षिण कोरिया के चुंगजू फुजियन शहर में हुयी क्वालिफाईंग प्रतियोगिता में चयनित होकर संदीप ने दिखा दिया है कि उसमें ओलम्पिक में पदक जीतने का दम-खम है। नौकायान खेल में कभी सामने वाले खिलाड़ी से हार जाते हो तो कैसा महसूस करते हो इस सवाल पर संदीप का कहना है कि जहां मुकाबला है वहां जीत के साथ हार भी है। हारने पर मैं हार की वजह समझता हूं तथा अगली बार जब उसकी नौका समुद्र में होती है तो मेरा एक ही मकसद होता है कि हार की वजह को हटाओ, हराने वाले को हराओ। 

दक्षिण कोरिया से संदीप ने बातचीत करते हुये राजस्थान में नौकायान की संभावना पर बताया कि शेखावाटी के खिलाडिय़ों में अन्य प्रदेशों के खिलाडिय़ों के मुकाबले अधिक दमखम होता है मगर जरूरत है उन्हे उचित प्रशिक्षण व सुविधा उपलब्ध करवाने की। यदि यहां नौकायान की पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध करवा दी जाये तो बजरंग लाल ताखर जैसे कई खिलाड़ी निकल सकतें हैं । इस क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं।

किसान परिवार में जन्में संदीप की मां सुभिता देवी एवं पिता शंकरलाल ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा ओलम्पिक प्रतियोगिता के लिये चयनित हो गया है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। घर में उत्सव जैसा माहौल था। मिठाईयां बंट रही थी। हर किसी के चेहरे पर मुस्कान थी। तथा उसके घर आने वालों को एक आस थी कि यह लडक़ा अगला स्वर्ण पदक जरूर जीत कर पूरे विश्व में इस क्षेत्र का नाम रोशन करेगा।      
                                                                                                                                              
रमेश सर्राफ धमोरा,स्वतंत्र पत्रकार


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