भूमंडलीकरण इस युग में हमारे भारतीय साहित्यकार, जिनकी कलम से हमारा
खरा भारत निश्रुत हुआ है | उस सौंधी खुशबू को नई पीडी से रूबरू
करवाने के उद्देश्य से तथा साहित्य के बदलते स्वरुप पर चिंतन की दृष्टी से 'नव्या' द्वारा त्रैमासिक पत्रिका
का सम्पादन करने का मन हमने मनाया है | 'नव्या' ने हमेशा ही विषयाधीन साहित्य को ही प्रकाशित करने का प्रयत्न
किया है और आप मूर्धन्य साहित्यकारों का हमेशा प्रोत्साहन व मार्गदर्शन भी हमें
मिलता रहा है | जिसके बल पर हम त्रैमासिक पत्रिका
के प्रकाशन का धैर्य जुटा पाए है. प्रथम विशेषांक
१५० वी जन्म तिथि पर 'रविन्द्र नाथ टैगोर' को समर्पित करने का मानस है | आप से निम्न विषय पर लेख सादर आमंत्रित है |
टैगोर : आज के परिप्रेक्ष्य
में (१) टैगोर साहित्य..(२)
चित्रकार के रूपम में टैगोर चित्रण (३) नाटककार ..रवीन्द्रनाथ टैगोर (४) टैगोर की कल्पना शीलता क्या वास्तविकता
से परे थी? (५) गीतांजलि का समालोचन...(६)
टैगोर की काव्य शैली का समालोचन... उपर्युक्त
विषयों पर आलेख भेजने की अंतिम तिथि २० मार्च २०१२ ..तक है .. आशा है पर्याप्त समय में
त्रेमासिक का सम्पादन हो जायेगा |
रचनाएँ हमें सिर्फ निम्न ई-मेल पर ही भेजें... अन्यत्र भेजने से उसे ध्यान में
लेना मुश्किल ही होगा | रचनाओं की वर्तनी जितनी सही होगी उतना ही कार्य समय पर
करने में हमें आसानी होगी | रचनाएँ सिर्फ यूनिकोड या मंगल फोंट्स में ही प्रेषित
करें |
पंकज त्रिवेदी (प्रबंधक सम्पादक)
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