नांदेड़, महाराष्ट्र ।
विभिन्न विमर्शों
और अंदोलनो
के दौर
में आदिवासी
विमर्श की
व्यापक आवश्यकता
महसूस हो
रही हैं,
इसीलिए राष्ट्रीय
तथा अंतराष्ट्रीय
स्तर पर
आदिवासी साहित्य
पर पृथक
ग्रंथ प्रकाशित
किया जा
रहा है।
शोधार्थियों, आलोचकों, लेखकों, चिंतकों, एवं
बुद्धिजीवियों से शोध आलेख आमंत्रित
किया जा
रहा है
। इस
शोध ग्रंथ
के लिए
वांछित विषय
हैं -
1 .वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
आदिवासी साहित्य
।
2. आदिवासी साहित्य - उदभव
और विकासः
3. वैश्विक आदिवासी साहित्य,
भारतीय आदिवासी
साहित्य, हिन्दी
आदिवासी साहित्य।
4. आदिवासी- साहित्य दशा
और दिशा।
5. आदिवासी साहित्य- सामाजिक,
राजनीतिक ,सांस्कृतिक, धार्मिक, साहित्यिक, आर्थिक
स्थिति ।
6. आदिवासियों द्वारा लिखा
गया आदिवासी
साहित्यःस्थिति,समस्या,आंदोलन और अध्ययन
।
7. आदिवासी साहित्यःभाषा,शैली
तथा शिल्प
।
8. आदिवासी साहित्यःसभा,सम्मेलन
और संगोष्ठी
।
ये आलेख 1000 शब्द
के भीतर
लिखा होना
चाहिएजो 31 जनवरी 2012 तक पहुँच जाना
चाहिए ।
सहयोग राशि
के लिए
डॉ. सुनील
जाधव (यशवंत
महाविद्यालय, नांदेड, महाराष्ट्र), मुकेश कुमार
मालवीय(काशी
हिंदु विश्वविद्यालय,
वाराणसी) या
डॉ. ठाकुर
व्ही. सी.
(यशवंत महाविद्यालय,
नांदेड, महाराष्ट्र)
से या
ईमेल से
संपर्क किया
जा सकता
है ।suniljadhavheronu10@gmail.com
नांदेड से सुनील
जाधव की
रपट
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